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गफ्फार के साथ मारपीट व धार्मिक नारे लगवाने की कोशिश मामले मे भोपाल विधायक ने मुख्यमंत्री गहलोत को कड़ा पत्र लिखा।


जयपुर।
               सीकर के ओटो चालक बूजुर्ग गफ्फार अहमद कछावा के साथ अमानवीय घटना सात अगस्त को सुबह घटित होने के मामले की गूंज अब राजस्थान से बाहर जाकर भारत भर मे गूंजने के साथ साथ विभिन्न मीडिया द्वारा उक्त मामले का कवरेज करने के बाद मध्यप्रदेश के सीनियर कांग्रेस नेता व विधायक आरीफ मसूद ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिखकर उक्त मामले की एनएसए के तहत कार्यवाही कराने की मांग करने से कांग्रेस की अंदरूनी सियासत के अलावा देश भर मे मामला गरमाने लगा है।



             हालांकि राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के कार्यकाल मे भरतपुर के गोपालगढ़ कस्बे मे पुलिस द्वारा मस्जिद मे मोजूद नमाजियों पर गोली चलाकर मौत के घाट उतारने व सवाईमाधोपुर के सुरवाल मे पुलिस डयूटी निभा रहे थानेदार फूल मोहम्मद को जिन्दा जलाकर शहीद करने सहित अनेक घटित घटनाओं मे कार्यवाही के नाम पर मात्र खानापूर्ति होने को लेकर राजस्थान का मुस्लिम समुदाय गफ्फार कछावा के मामले मे किसी तरह की कड़ी कार्यवाही करने की उम्मीद गहलोत से कतई नही रख रहा है। लेकिन कांग्रेस के वर्तमान नो मुस्लिम विधायको द्वारा उक्त घटना के बाद अभी तक एक शब्द भी नही बोलने के बावजूद आज मध्यप्रदेश के कांग्रेस विधायक आरीफ मसूद के मुख्यमंत्री गहलोत को इस सम्बंध मे पत्र लिखने के बाद अनेक सवाल जरूर खड़े होने लगे है।
            राजस्थान के सीकर शहर मे आटो चालक बूजुर्ग गफ्फार अहमद कछावा के साथ उन्मादियों द्वारा जय श्रीराम व मोदी जिंदाबाद के नारे लगने का दवाब बनाने के बावजूद उसके द्वारा नही लगाने पर उसके साथ बूरी तरह मारपीट कर घायल करने की रपट पीडित द्वारा थाने मे लिखवाने के बाद पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। लेकिन उक्त अमानवीय घटना पर मुख्यमंत्री गहलोत के साथ साथ स्थानीय कांग्रेस विधायक राजेन्द्र पारीक व जिले के विधायक व वर्तमान प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा सहित किसी भी कांग्रेस नेता द्वारा उक्त मामले मे घटना की निंदा तक करने का ब्यान अभी तक जारी नही किया गया है।


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