लखनऊ :: उ0प्र0 कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने आज अपने आज गृह विधानसभा क्षेत्र के पिपराघाट के देवनारायण टोला, शिव टोला,बुटन टोला,दहारी टोला, उपाध्याय टोला,नरवाजोत, तवकल टोला, फल टोला,हनुमान टोला, जोगनी, इमिलिया टोला, मोटी राय सहित तमाम बाढ़ से प्रभावित टोलों का दौरा किया व वहां के लोगों के दर्द को जाना। उन्होने कहा कि स्थिति बड़ी विकट है,रास्ते पानी में विलीन हो चुके है। कोरोना महामारी है लोगों के पास काम नहीं है, राहत के नाम पर सरकार छलावा कर रही है।
लोगों का दैनिक कार्य ठप पड़ा है,मवेशियों के चारे का संकट है,लोगों के पास राशन नहीं है। प्रशासन सुस्त है,प्रभावित गांवों में प्रशासन और सरकार का कोई भी अमला ग्रामीणों की सुधि के लिए अब तक नहीं पहुंचा है। ग्रामीण सीने तक पानी में आने - जाने को मजबूर है, कई जगह नदी होने के नाते नावों का सहारा लेना पड़ रहा है।
अपनी विफलताओं को न छुपाएँ भाजपा सरकार। दूसरे पर आरोप- प्रत्यारोप बन्द करें। सरकार यह समझे कि ‘उड़नखटोले के सर्वे‘ से लोगों को राहत नहीं मिलती। सरकार ध्यान दें और तत्काल व्यवस्था सुनिश्चित करें।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू के साथ इस दौरान सेवरही ब्लॉक अध्यक्ष ब्यास कुशवाहा, शर्मा यादव, शिवजी जायसवाल, अनिल यादव, शिवपूजन निषाद, ओमप्रकाश कुशवाहा, राजेन्द्र निषाद, दिनेश शर्मा, गोपी यादव सहित तमाम साथी मौजूद रहे।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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