लखनऊ, :: उत्तर प्रदेश में लगातार बढ़ रहे अपराधों को रोक पाने मे अक्षम योगी सरकार अब पीआर और छल के सहारे आंकड़ों को छिपाने और तोड़ मरोड़ कर पेश करने में जुटी है।
यूपी कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने आज जारी एक बयान में कहा कि प्रदेश में अपराधियों का खौफ इस कदर बढ़ रहा है कि महिला युवा पीसीएस अधिकारी को जान देने पर मजबूर होना पड़ा है, और घटना में नामजद लोग भाजपा के नेता हैं। प्रयागराज में एक ही परिवार के चार लोगों की नृशंस हत्या के मामले में पुलिस अंधेरे में हाथ पांव मार रही है। इसी प्रयाग में जनवरी में हुयी जघन्य हत्या की वारदात के बारे में कुछ पता नहीं चल सका है।
अजय कुमार लल्लू ने कहा कि योगी सरकार अपराधियों को नहीं बल्कि राजनैतिक विरोधियों को निपटाने में जुटी है। यूपी कांग्रेस के युवा नेता शहनवाज आलम से लेकर अनस रहमान तक की गिरफ्तारी फर्जी आरोपों में की गयी है। कानून व्यवस्था को सुधारने का दावा करने वाली योगी सरकार लाखों का जुर्माना वसूलने के नाम पर रिक्शा चालक को गिरफ्तार कर अपनी पीठ ठोंक रही है। उन्होंने कहा कि कि कानपुर कांड के अपराधी विकास दुबे को मुठभेड़ में मार दिया पर उसे व प्रदेश में कई विकास पैदा करने वाले सफेदपोश नेताओं व अधिकारियों पर कारवाई के नाम पर सरकार चुप्पी मार कर बैठ गयी है। गृह विभाग से लेकर पुलिस के बड़े अधिकारी हर रोज विकास पैदा कर रहे हैं और उन्हें संरक्षण दे रहे हैं और राज खुलने के डर से मरवा दे रहे हैं।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि अपराधों के आंकड़ों को छिपा कर और तोड़ मरोड़ कर योगी सरकार जनता के भरमाना चाहती है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस जल्द ही बीते तीन सालों के अपराधों का ब्यौरा जनता के बीच लाएगी और भाजपा सरकार व अपराधियों की दुरभिसंधि को उजागर करेगी। कानपुर के बिकरु हत्याकांड की सीबीआई जांच की मांग करते हुए श्री लल्लू ने कहा कि आखिर सरकार किस बात से डर रही है।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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