सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

मुख्यमंत्री गहलोत के बोल से आज पूरी कांग्रेस की क्षमता पर प्रश्न चिन्ह खड़ा हो गया।


जयपुर।
              प्रदेश मे पायलट-गहलोत के मध्य बंटती नजर आ रही कांग्रेस एवं रोजाना घटते राजनीतिक घटनाक्रमो के चलते राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आज पत्रकारों से मिलतें हुये राजस्थान कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सचिन पायलट पर आरोपो की झड़ी लगाते हुये उनको नकारा व निकम्मा तक बता दिया। निकम्मा व नकारा बताने के बाद कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व पर भी सवाल उठने लगे है कि कांग्रेस पार्टी के सविधान अनुसार किसी भी प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति करने से पहले राष्ट्रीय अध्यक्ष व शीर्ष नेतृत्व कण्डीडेट की उपयोगिता व काबलियत का सो दफा आंकलन करके मनोनयन करता है। मुख्यमंत्री गहलोत ने पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट को नकारा व निकम्मा बताकर एक तरह से पार्टी के शीर्ष नेतृत्व की क्षमता पर ही गम्भीर सवाल खड़ा कर दिया है।
            मुख्यमंत्री अशोक गहलोत आज पत्रकारों को सम्बोधित करते हुये अपनी छवि के विपरीत बोलते हुये काफी दवाब मे नजर आये। मुख्यमंत्री ने कहा कि वो राजस्थान मे मुख्यमंत्री बन कर आये है वो कोई बैंगन व सब्जी बेचने नही आये है।
           कुल मिलाकर यह है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आज की अपनी प्रैस कांफ्रेंस मे सचिन पायलट व भाजपा नेताओं पर अनेक गम्भीर आरोप लगाये है। शाम होते होते भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनीया ने मुख्यमंत्री को चैलेंज करते हुये कहा कि उनके स्वयं व राठौड़ के दिल्ली जाकर बागी विधायकों से मिलने का आरोप सरसर गलत है। चाहे तो इस मामले की सीबीआई जांच करा ली जाये। दुसरी तरफ गहलोत द्वारा पायलट पर लगाये आरोपों पर स्वयं सचिन पायलट ने ज्यादा कुछ नही कहा पर दुख होना बताया। पूर्व मंत्री विश्वेंद्र सिंह व हेमाराम चोधरी ने वीडियो जारी करके मुख्यमंत्री को घेरते हुये उनके द्वारा पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट पर आरोप लगाने को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है।


टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम

  नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...

इफ्तार पार्टियों का आयोजन लगातार जारी।

  सीकर-राजस्थान।        जनपद मे माहे रमजान शुरू होने के साथ ही अनेक सामाजिक व शेक्षणिक संस्थाओं के अलावा व्यक्तिगत लोगो द्वारा इफ्तार का आयोजन का सीलसीला जारी है।    इस सीलसीले के तहत सीकर शहर मे आज इतवार को सीकर में पंचायत शेखावाटी लीलगरान और युवा कमेटी की तरफ से रोजा इफ्तार पार्टी का आयोजन सय्यदा मस्जिद फतेहपुर रोड़ भैरुपुरा कच्चा रास्ता सीकर में किया गया। ,जिसमे सैकड़ों रोजेदारों ने शिरकत की और प्रदेश में अमन चैन की दुआ मांगी,इफ्तार के बाद मगरिब की नमाज पढ़ी गई।

सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले मुस्लिम विरोधी हिंसक तत्वों का मनोबल बढ़ाने वाले हैं- शाहनवाज़ आलम

  नयी दिल्ली, 9 मार्च 202 5. न्यायालयों द्वारा पिछले कुछ दिनों से दिए गए विवादित फैसलों से यह संदेश जा रहा है कि मई में आने वाले सुप्रीम कोर्ट के नए मुख्य न्यायाधीश पर आरएसएस और भाजपा अपने सांप्रदायिक एजेंडे के पक्ष में दबाव डालने की रणनीति पर काम कर रहे हैं. सेकुलर सियासी दलों और नागरिक समाज को इन मुद्दों पर मुखर होने की ज़रूरत है. ये बातें अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सचिव शाहनवाज़ आलम ने साप्ताहिक स्पीक अप कार्यक्रम की 185 वीं कड़ी में कहीं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के जज का किसी को मियां तियाँ और पाकिस्तानी कहने को अपराध नहीं मानना साबित करता है कि सुप्रीम कोर्ट के कुछ जज मुस्लिम विरोधी हिंसा में हिंसक तत्वों द्वारा प्रतुक्त होने वाली इन टिप्पणियों को एक तरह से वैधता देने की कोशिश कर रहे हैं. इस फैसले के बाद ऐसे तत्वों का न सिर्फ़ मनोबल बढ़ेगा बल्कि वो इसे एक ढाल की तरह इस्तेमाल करेंगे और पुलिस में शिकायत दर्ज कराने जाने वाले पीड़ित मुस्लिमों का मुकदमा भी पुलिस नहीं लिखेगी. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि इससे पहले भी मस्जिद के अंदर जबरन घुसकर जय श्री राम के ना...