सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

राजस्थान मे माकपा राज्य सचिव कामरेड अमरा राम के नेतृत्व को पार्टी के अंदर से मिलने लगी चुनोती। - पार्टी निर्णय के बावजूद विधायक बलवान ने मतदान मे भाग लिया।


जयपुर।
              पीछले दो दशक से राजस्थान की माकपा पर मजबूत पकड़ बनाये रखने वाले माकपा राज्य सचिव कामरेड अमरा राम के पीछले दो विधानसभा चुनाव लगातार हारने के कारण अब पार्टी पर उनकी पकड़ ढीली होती जाने के कारण उनके नेतृत्व के पार्टी के अंदर से चुनोती मिलने लगी है।
             सरपंच से विधायक बने कामरेड अमरा राम के लगातार चार चुनाव जीतकर विधायक बनते रहे तब तक पार्टी मे उनकी तूती बोला करती रही। 2008 मे कामरेड अमरा राम के साथ उनके लगती सीट धोद से कामरेड पेमाराम के चुनाव जीतने से विधानसभा मे माकपा के एक से दो विधायक बने। पर अगले ही 2013 के विधानसभा चुनाव मे अमरा राम के साथ कामरेड  पेमाराम भी चुनाव हार गये। उसके बाद 2018 के विधानसभा चुनाव मे भी कामरेड अमरा राम व पेमाराम दोने फिर चुनाव हार गये लेकिन इनके हारने के बावजूद माकपा के दो अन्य उम्मीदवार बलराम पुनिया व गिरधारी महिया नामक जीतकर विधायक बन जाने से राजनीतिक माहोल व वामपंथ की राजनीति मे तबदीली आने के संकेत मिलने लगे।



           तेज तर्रार विधायक कामरेड बलराम पुनिया के माकपा विधायक दल का नेता होने के कारण उन्हें विधानसभा व विधानसभा के बाहर बोलने के अधिक अवसर मिलने से बलराम पुनिया की भी जनता मे एक अलग से पहचान बनने लगी। जिससे पूनिया की राजस्थान भर मे जूझारू नेता की छवि उभरने लगी। दूसरी तरफ नजर दोड़ाये तो पाते है कि कामरेड अमरा राम जहां से विधानसभा चुनाव लड़ते है वहा उनका सीधा टकराव कांग्रेस सै होता है। वही विधायक बलराम जहां से चुनाव लड़ते है वहा उनका मुकाबला भाजपा से होता है। 
       कामरेड अमरा राम को झटका-------
                     19-जून को राज्य सभा चुनाव मे माकपा राज्य सचिव अमरा राम माकपा के दोनो विधायकों को राज्य पार्टी ईकाई के निर्णय के अनुसार मतदान से दूर रखना चाहते है। माकपा के विधायक गिरधारी महिया ने तो मतदान मे भाग नही लिया पर दूसरे विधायक कामरेड बलराम पूनिया ने मतदान मे भाग लेते हुये कांग्रेस उम्मीदवार के पक्ष मे मतदान किया। पूनिया के मतदान करने के बाद उनके खिलाफ 22-जून को माकपा सचिव मण्डल की आयोजित आवश्यक बैठक मे अनुशासनात्मक कार्यवाही करते हुये उनको एक साल के लियै पार्टी से निलम्बित करते हुये कारण बताओ नोटिस जारी करके उनसे सात दिवस मे स्पष्टीकरण देने को कहा है।




         निलम्बित व नोटिस जारी होने के बाद विधायक बलवान पुनिया ने राज्यसभा चुनाव मे मतदान करने के सवाल पर मीडिया से कहा कि भाजपा देश मे सविधान के खिलाफ काम करने लगी है। उन्होंने सविधान बचाने के लिये अपनी अंतरात्मा की आवाज पर मतदान मे भाग लिया है। उन्होंने पार्टी लाईन व निर्णय का अनुशासित सिपाही की तरह सम्मान करने की कहते हुये कहा कि उन्होंने अंतरात्मा के तहत मतदान किया है। विधायक पूनिया ने नोटिस का जवाब सात दिवस मे देने की कहते हुये पोलित ब्यूरो के सामने अपनी बात रखने को भी कहा है। साथ ही बलवान पूनिया ने यह भी कहा कि वो पार्टी लाईन से बंधे हुये है व पार्टी विचार धारा को मानते है।
        राजस्थान मे मुद्दों की पहचान करके आंदोलन चलाने वाले जूझारु नेता पूर्व विधायक कामरेड अमरा राम ने अपने विधायक काल मे तत्तकालीन 2008-2013 के मध्य वाली अशोक गहलोत सरकार के समय विधानसभा व उसके बाहर काफी जनहित के मुद्दे उठाये थे। लेकिन उक्त गहलोत सरकार के खिलाफ अमरा राम अपने साथी विधायक कामरेड पेमाराम को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री व भाजपा नेता वसुंधरा राजे के नेतृत्व मे भाजपा विधायकों के साथ राष्ट्रपति से मिल कर राज्य सरकार की शिकायत करने के बाद उनकी छवि पर विपरीत प्रभाव पड़ने लगा था।
           कुल मिलाकर यह है कि मुख्यमंत्री दफ्तर व निवास पर समस्याओं को लेकर अक्सर मुख्यमंत्री व अधिकारियों से मिलते नजर आने वाले माकपा विधायक कामरेड बलराम पूनिया ने राज्य कमेटी के निर्णय के खिलाफ जाकर 19-जून को हुये राज्यसभा चुनाव के मतदान मे भाग लेकर अंतरात्मा की आवाज पर वोट करने की घटना को राजनीतिक तौर पर हल्के मे नही लिया जा सकता है। पूनिया को भी मतदान करने पर पार्टी की तरफ से उक्त कार्यवाही होने का पहले से अंदाजा जरूर रहा होगा। उक्त घटना का प्रभाव 2022 मे होने वाले राजस्थान की चार सीटो के राज्यसभा चुनाव व 2023 के विधानसभा चुनाव मे भी नजर आने की सम्भावना जताई जा रही है।


टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम

  नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...

इंडिया गठबंधन की सफलता में अल्पसंख्यकों की सबसे बड़ी भूमिका- शाहनवाज़ आलम

  लखनऊ, 12 जून 2024 . लोकसभा चुनाव में भले जीत एनडीए की हुई हो लेकिन राहुल गाँधी और प्रियंका गाँधी को देश ने नेता माना है. इंडिया गठबंधन को मिली सफलता में अल्पसंख्यक समुदाय खासकर मुस्लिम समुदाय का सबसे बड़ा रोल है जिसे अल्पसंख्यक कांग्रेस ने अंजाम दिया. ये बातें प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय ने अल्पसंख्यक कांग्रेस द्वारा आयोजित आभार और चुनाव समीक्षा बैठक में कहीं. बैठक को संबोधित करते हुए अल्पसंख्यक कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष शाहनवाज़ आलम ने कहा कि अल्पसंख्यक वर्ग के साथ दलित, पिछड़े और अति पिछड़े वर्गों ने राहुल और प्रियंका गाँधी के सामाजिक न्याय, सीएए- एनआरसी विरोधी स्टैंड, जातिगत जनगणना, आरक्षण पर लगे 50 प्रतिशत की पाबंदी को हटाने के लिए किये गए वादों से प्रभावित होकर वोट दिया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस इन तबकों के सवालों पर लगातार संघर्ष करती रहेगी.  शाहनवाज़ आलम ने कहा कि सीएसडीएस के आंकड़ों से यह साबित हुआ है कि पूरे देश में मुसलमान, दलित और पिछड़े कांग्रेस के मुख्य बेस वोटर रहे. वहीं कथित ऊँची जातियों का 70 प्रतिशत वोट भाजपा को गया. इस सवर्ण वोट बैंक को कां...

इफ्तार पार्टियों का आयोजन लगातार जारी।

  सीकर-राजस्थान।        जनपद मे माहे रमजान शुरू होने के साथ ही अनेक सामाजिक व शेक्षणिक संस्थाओं के अलावा व्यक्तिगत लोगो द्वारा इफ्तार का आयोजन का सीलसीला जारी है।    इस सीलसीले के तहत सीकर शहर मे आज इतवार को सीकर में पंचायत शेखावाटी लीलगरान और युवा कमेटी की तरफ से रोजा इफ्तार पार्टी का आयोजन सय्यदा मस्जिद फतेहपुर रोड़ भैरुपुरा कच्चा रास्ता सीकर में किया गया। ,जिसमे सैकड़ों रोजेदारों ने शिरकत की और प्रदेश में अमन चैन की दुआ मांगी,इफ्तार के बाद मगरिब की नमाज पढ़ी गई।