भरतपुर रेंज के डीआईजी (कार्यवाहक आईजी) रहे लक्ष्मन गौड़ को लेकर ऐसीबी जांच मे बहुत कुछ निकल कर आ सकता है।
जयपुर।
राजस्थान व उत्तरप्रदेश की सीमावर्ती भरतपुर रेंज क्षेत्र मे बजरी-दारु सहित अनेक तरह के माफियो से मंधली बंदी लेने की आवाज अक्सर उठती रही है। इसी तरह के भ्रष्टाचार के उठते बादलो के मध्य राजस्थान भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो को डीआईजी (कार्यवाहक आईजी) लक्ष्मन गौड़ के नाम से भरतपुर के उधोगनगर थानेदार चंद्रप्रकाश से पांच लाख की रिश्वत लेते रंगे हाथो भाजपा नेता प्रमोद शर्मा को गिरफ्तार की मिली सफलता को बडी उपलब्धि माना जा रहा है।
दलाल प्रमोद शर्मा के ऐसीबी द्वारा पकड़े जाने के बाद भरतपुर डीआईजी लक्ष्मन गौड़ को सरकार ने ऐपीओ कर दिया है। एवं गोड़ भरतपुर से रिलीव भी हो चुके है। दलाल शर्मा के पकड़े जाने के बाद ऐसीबी टीम पृथ्वीराज मीणा के नेतृत्व मे जांच करने जयपुर से भरतपुर पहुंच कर जाचं शुरु करने से रेंज क्षेत्र मे हड़कंप मचा हुवा है। राजस्थान मे इमानदाराना सख्त कार्यवाही करने वाले व भ्रष्टाचार के सख्त विरोधी ऐसीबी के एडीसनल डीजी एम एन दिनेश का उक्त प्रकरण मे आज रेंज के धोलपुर जिले मे पहुंचने के बाद लगने लगा है कि ऐसीबी की जांच का दायरा विस्तृत हो सकता है। उक्त प्रकरण मे ऐसीबी जांच मे बहुत कुछ निकल कर आ सकने की उम्मीद लगाई जा रही है।
हालांकि उधोगनगर थानेदार चंद्रप्रकाश को दलाल प्रमोद शर्मा द्वारा डीआईजी गौड़ के निवास से फोन करके धमकाने व पैसो की मांग करके बदले मे डीआईजी गोड़ का संरक्षण दिलवाने की कहने के बाद थानेदार द्वारा उक्त मामले की ऐसीबी मे शिकायत करने पर ऐसीबी ने दलाल को थानेदार से पांच लाख की रिश्वत लेते पकड़ा था। गौड़ के लिये रेंज के पुलिस अधिकारियों से पैसा जमा करने के लिये प्रमोद शर्मा के साथ अन्य लोग जो जुड़े हुये थे। जिनका भी जांच मे पता चलेगा। दलालो द्वारा गौड़ के लिये पैसै बटोरने का गोरखधंधा भरतपुर के अतिरिक्त रेंज के अन्य जिलो मे भी फैला होने की चर्चा है। वही यह पुलिस अधिकारियों के अलावा बजरी-दारु व अन्य माफियाओं तक भी बताते है।
भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के एडीसनल डीजी एम एन दिनेश की देखरेख मे भरतपुर डीआईजी गौड़ के नाम पर दलाल द्वारा पैसा वसूलने को लेकर की गई ट्रेप की कार्यवाही के बाद चल रही ऐसीबी जांच के विस्तृत होते दिखने से लगने लगा है कि भ्रष्टाचार को लेकर की जा रही उक्त जांच मे बहुत कुछ निकल कर आ सकता है। जिसमे डीआईजी गौड़ के अलावा अनेक अधिकारी व राजनेताओं की भूमिका पर अनेक सवाल खड़े हो सकते है।
डीआईजी रिश्वत प्रकरण को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत काफी गम्भीर नजर आ रहे है। वही कांग्रेस विधायक गिरिराज मलिंगा ने डीआईजी गौड़ को गिरफ्तार करने की मांग की है। विधायक मलिंगा के अलावा दूसरे विधायकों ने भी उक्त प्रकरण को लेकर भ्रष्टाचार के मामले पर पत्र लिखा है। राजस्थान के ऐसीबी मे भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी एम एन दिनेश की तैनाती के बाद ब्यूरो ने काफी भ्रष्टाचारियों को रंगे हाथो पकड़ा है। अनेक भ्रस्टाचार के रेकेट को तोड़ा है। लेकिन फिर भी भ्रष्टाचार रात-दिन बढते जा रहा है। जिन अधिकारियों व कार्मिको की तनख्वाह से आसानी से उनका गुजारा चल सकता है। लेकिन उनके कारण उनकी व उनके परिवारजनो की तेजी से बढती जायदाद व उनके रहन सहन के स्तर को देखकर तो लगता है कि यहां टाटा-बिड़ला की तो क्या आज के रिलायंस व अडानी ग्रूप से सम्बंध है।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पीछले दिनों कहा कि उनकी सरकार भ्रष्टाचार के मुद्दे पर जीरो टोलरेंस पर काम कर रही है। जानकारी अनुसार गहलोत सरकार बनने के बाद प्रदेश मे भ्रस्टाचार के कुल 552 से अधिक मामले दर्ज हो चुके है। जिनमे 382 के करीब ट्रैप के मामले, व 30 के करीब आय से अधिक सम्पत्ति अर्जित करने के मामले है। वहीं 160 लोगो को भ्रष्टाचार के मामले मे कोर्ट से सजा मिल चुकी है। उम्मीद करनी चाहिये की अगले कुछ दिनो मे ऐसीबी के हाथो ओर अधिक भ्रष्टाचारी पकड़ मे आयेंगे।
राजस्थान मे बडे स्तर पर चर्चित हो चुके डीआईजी गौड़ भ्रष्टाचार प्रकरण की जांच कर्तव्यनिष्ठ व इमानदाराना कार्यवाही करने के लिये विख्यात भ्रष्टाचार के सख्त विरोधी एडीसनल डीजी एम एन दिनेश की देखरेख मे जांच होने से लगता है भ्रष्टाचारी अब बच नही पायेंगे।ज्यो ज्यो जांच आगे बढेगी त्यो त्यो भ्रष्टाचार की परते खुलने लगेगी। जांच मे डीआईजी गोड़ व दलाल के अलावा भ्रष्टाचार की आग अन्य अधिकारियों व राजनेताओं को भी लपेट मे ले सकती है।
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