सतना :मध्यप्रदेश:: मुंबई में फंसे प्रवासी मजदूरों को बिहार ले जा रही विशेष ट्रेन में बुधवार को कथित तौर पर नि:शुल्क मिले भोजन के पैकेटों के बंटवारे को लेकर सतना रेलवे स्टेशन की एक बोगी में दो गुटों में जमकर मारपीट हुई। इस कथित घटना का एक वीडियो वायरल हुआ है।
सतना रेलवे सुरक्षा बल :आरपीएफ: के स्टेशन प्रभारी मान सिंह ने बताया कि यह विवाद कथित तौर पर भोजन के पैकेटों को लेकर हुआ। लेकिन इस मामले में किसी भी प्रकार की शिकायत नहीं हुई है और न ही किसी को हिरासत में लिया गया है।
उन्होंने कहा कि बाद में इस ट्रेन को करीब दो बजे सतना रेलवे स्टेशन से गंतव्य स्थान के लिए आगे रवाना कर दिया गया है।
सूत्रों के अनुसार इस स्पेशल ट्रेन में करीब 1,200 मजदूरों को मुंबई स्थित कल्याण रेलवे स्टेशन से बिहार ले जाया जा रहा है।
वहीं, प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार मुंबई के कल्याण से बिहार मजदूरों को लेकर जा रही विशेष ट्रेन में आज दोपहर करीब डेढ़ बजे जमकर मारपीट हुई है। यह घटना सतना रेलवे स्टेशन में हुई।
उन्होंने कहा कि यह विवाद खाने के पैकेट को लेकर हुआ है।
दरअसल मुंबई से चलकर आज सतना रेलवे स्टेशन पर यह विशेष ट्रेन पहुंची थी। यहां राज्य सरकार की ओर से मजदूरों को मुफ्त में खाना एवं पानी की व्यवस्था कराई गई थी। जब खाने के पैकेट बंट रहे थे, उस दौरान दो गुटों में खाने के पैकेट को लेकर विवाद हो गया। देखते ही देखते विवाद बड़ा रूप ले लिया और दर्जनों मजदूर आपस में भिड़ गए।
इसका एक वीडियो भी वायरल हुआ है, जिसमें दिख रहा है कि ये मजदूर आपस में एक दूसरे को लात—घूंसों और बेल्ट से भी मार रहे हैं।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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