सीकर जिले में सोमवार सुबह एक कोरोना पॉजिटिव शख्स की मौत पर हडक़ंप मच गया। श्रीमाधोपुर का हासपुरा गांव निवासी 50 वर्षीय शख्स 11 मई को महाराष्ट्र से गांव लौटा था। जो तीन दिन से बुखार से पीडि़त था। 16 मई को उसे श्रीमाधोपुर सरकारी अस्पताल में उपचार के लिए लाया गया था। जहां वह चार घंटे भर्ती रहा। सैंपल लेने के बाद चिकित्सकों ने उसे दवा देकर घर भेज दिया गया था। लेकिन, उसकी सेहत में सुधार नहीं हुआ। आज सुबह सांस में तकलीफ बढऩे पर परिजन उसे आनन फानन में बाइक पर फिर श्रीमाधोपुर अस्पताल लेकर पहुंचे। लेकिन, इसी बीच रास्ते में ही उसने दम तोड़ दिया। अस्पताल पहुंचते ही चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। कुछ देर बाद ही सैंपल की आई रिपोर्ट में वह कोरोना पॉजिटिव मिला। जिसके बाद कस्बे व स्वास्थ्य विभाग में हडक़ंप मच गया। मृतक के अंतिम संस्कार के साथ प्रशासन ने मृतक के संपर्क में आए लोगों को आइसोलेट करने व प्रभावित क्षेत्र को सेनेटाइज करने की कवायद शुरू कर दी है।
32 लोगों के साथ बस में आया
मृतक महाराष्ट्र में मजदूरी करता था। जानकारी के मुताबिक महाराष्ट्र से राजस्थान पहुंचने के लिए अपनेे साथियों सहित उसने जयपुर से एक बस मंगवाई थी। जिसमें वह अपने 30 साथियों के साथ यहां लौटा था। चालक परिचालक सहित बस में 32 लोग मौजूद थे। जिनमें से करीब आधा दर्जन यात्री श्रीमाधोपुर के बताए जा रहे हैं।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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