जयपुर।
गर्मी के मौसम में प्रदेश में पेयजल आपूर्ति सुचारू रूप से करने और हैण्डपंप एवं नलकूपों की मरम्मत के कार्याें में तेजी लाने के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने निर्देश दिए हैं। साथ ही उन्होंने 48 घंटे से अधिक समय के अंतराल से पेयजल आपूर्ति वाले क्षेत्रों में यह अंतराल कम करने के लिए कार्ययोजना बनाने को कहा। लोगों को पीने का पानी कम से कम 48 घंटे में एक बार मिले, यह सुनिश्चित किया जाए।
मुख्यमंत्री निवास से वीडियो कांस्फ्रेसिंग के माध्यम से प्रदेश में पेयजल आपूर्ति की व्यवस्थाओं की समीक्षा करते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि गर्मी के मौसम में पानी की जरूरत बढ़ जायेगी ऐसे में निर्बाध पेयजल आपूर्ति राज्य सरकार की प्राथमिकता में है और हमारा पूरा प्रयास रहेगा कि इन गर्मियों में कोई प्यासा नहीं रहे।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश देते हुये कहा कि प्रदेश में गुणवत्तापूर्ण पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित की जाए और जरूरत पड़ने पर टैंकरों से पेयजल आपूर्ति की तैयारी रखी जाए। हैडपंप एवं ट्यूबवैल की जहां जरूरत हो वहां स्वीकृति जारी की जाए और मरम्मत के कार्य समय पर पूरे कर लिए जाएं। जल संरक्षण के साथ जल संचय पर भी मुख्यमंत्री ने जोर दिया जाए।
लॉकडाउन के दौरान काफी संख्या में श्रमिक बेरोजगार हुए हैं। ऐसे में जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग, जल संसाधन एवं ऊर्जा विभाग के तहत चल रही परियोजनाओं में इन्हें नरेगा के तहत काम दिये जाने की संभावनाएं तलाशी जाएं।
पेयजल आपूर्ति सुचारू बनाये रखने के लिए जिला कलक्टर एवं जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के प्रमुख सचिव के स्तर पर साप्ताहिक एवं राज्य स्तर पर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में मासिक समीक्षा बैठक करने के मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए। पेयजल से संबंधित शिकायतों का समय पर निस्तारण करने को कहा।उन्होंने हाल ही में आये आंधी-तूफान से जिन बिजली आपूर्ति लाइनों को नुकसान पहुंचा है उनकी मरम्मत कर बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए। साथ ही आवश्यतानुसार जगह चिन्हित कर आरओ प्लांटस लगाने के भी निर्देश दिए।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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