लखनऊ: कोविड-19 के कारण देश में घोषित लाकडाउन की अवधि में सूचीबद्ध आवश्यक वस्तुओं एवं सेवाओं की आपूर्ति करने वाली संस्थाओं के लिए पास जारी करने हेतु आॅनलाईन ई-पास जारी करने हेतु फार्मेट तैयार किया गया है। विशेष परिस्थतियों में आम-जन चिकित्सा सेवाएं प्राप्त किये जाने के लिए ही ई-पास हेतु आवेदन कर सकते है।
यह जानकारी प्रदेश की अपर मुख्य सचिव, राजस्व श्रीमती रेणुका कुमार ने देते हुये बताया कि ई-पास हेतु आवेदक ीजजचरूध्ध्164ण्100ण्68ण्164ध्
प्रदेश स्तर पर इन्टीग्रेटेड राहत कन्ट्रोल रूम की स्थापना राहत आयुक्त कार्यालय, एनेक्सी भवन, द्वितीय तल में की गयी है। उन्होंने बताया कि अधिकांश जनपदों में जनपद स्तरीय राहत कंट्रोल स्थापित किये जा चुके है। इन कंट्रोल रूम को राज्य के कंट्रोल रूम से जोड दिया गया है तथा प्रथम चरण की पायलट टेस्टिंग की जा चुकी है। समस्त 18 मण्डलों में कमिश्नरी कंट्रोल रूम स्थापित कराये जाने तथा इन्हें राज्य स्तरीय इन्टीग्रेटेड राहत कन्ट्रोल रूम से जोड़े जाने के सम्बन्ध में कार्यवाही की जा रही है। राज्य स्तरीय इन्टीग्रेटेड राहत कन्ट्रोल रूम को अन्य राज्यों के कंट्रोल रूम से भी जोड़ा जा रहा है।
श्रीमती कुमार ने बताया कि विगत 31 मार्च तक समस्त 75 जनपदों में कुल 818 आश्रय केन्द्र खोले जा चुके हैं। इन आश्रय स्थलों में 15084 लोग रह रहे है। इन आश्रय स्थलों का पता व नोडल अधिकारी के फोन नम्बर आदि की सूची जनपदों से प्राप्त हो चुकी है।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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