सीकर।
जिला कलेक्टर यज्ञ मित्र सिंहदेव ने सभी उपखण्ड मजिस्ट्रेट को निर्देशित किया है कि वितरण की सूखी सामग्री एवं फूड पैकेट वितरण के दौरान यह सुनिश्चित किया जाये कि सोशल डिस्टेसिंग की पूर्ण पालना की जायें एवं इस संबंध में खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग के द्वारा समय-समय पर जारी किये गये दिशा -निर्देशों की पूर्ण पालना सुनिश्चित की जायें।
उन्होंने बताया कि एन.जी.ओ, भामाशाह, दानदाताओं आदि के माध्यम से खाद्य सामग्री वितरण के दौरान सैल्फी फोटोग्राफी आदि किये जाने पर पूर्ण पाबंदी लगाई जावे और उन्हें पाबंद किया जावे कि सोशल डिस्टेसिंग के नियमों की पालना नहीं होने पर उनके विरूद्ध भारतीय दण्ड संहिता की धारा 188 के नियमों के अन्तर्गत कार्यवाही अमल में लाई जावेगी। इसी प्रकार बैंक, राशन, किराणा, दवा विक्रता, सब्जी विक्रेता, पेट्रोल पंप एवं अन्य अतिआवश्यक सेवाओं से संबंधित प्रतिष्ठान, संस्थान या लॉकडाउन के दौरान सक्षम स्तर से संचालन के लिए अनुमति प्राप्त संस्थान, उद्योग यदि सोशल डिस्टेसिंग की पालना नहीं करवाते है तो उस संस्थान, प्रतिष्ठान को बंद करवाने के साथ-साथ भारतीय दण्ड संहिता की धारा 188 के नियमों के अन्तर्गत कार्यवाही अमल में लाई जावेगी
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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