सीकर।
सीकर जिले में अचानक सामने आए कोरोना पॉजिटिव मामलों ने सभी की चिन्ता बढ़ा दी है। शुक्रवार को शिक्षा राज्य मंत्री गोविन्द सिंह डोटासरा ने जिलास्तरीय अधिकारियों की कलेक्ट्रेट सभागार में बैठक ली। इसमें शिक्षा राज्य मंत्री ने कहा कि स्कूलों में रखा मिड-डे-मील का राशन आवश्यकता होने पर काम में लिया जा सकता है। इस पर जिला कलक्टर ने जल्द आदेश जारी करने की बात कही। शिक्षा राज्य मंत्री ने सीकर जिले के हालातों की चर्चा करते हुए पूरी जानकारी ली। उन्होंने कहा कि इस समय हमारा दायित्व है कि हम लोगों को डऱाने के बजाय घरों में रहकर हौसला रखने के लिए प्रेरित करें। बैठक में शिक्षा मंत्री ने कहा कि पशुधन को भी इस बीमारी से बचाने की दिशा में अभी कुछ कदम उठाने होंगे।
मंत्री डोटासरा ने लक्ष्मणगढ़ इलाके के हमीरपुरा गांव के 70 वर्षीय बुर्जुग की मौत के बाद रिपोर्ट पॉजिटिव आने के मामले को लेकर पूरी चर्चा की। बैठक में शिक्षा मंत्री ने स्कूलों में बने पलायन सेंटर, आईसालेशन सेंटर, क्वाराइनटेंन सेंटर, मास्क, सेनेटाइजर व राशन वितरण की व्यवस्थाओं के बारे में जानकारी ली। शिक्षा राज्य मंत्री ने कहा कि सामाजिक संस्थाओं की ओर से भी इस जंग में पूरा साथ निभाया जा रहा है, यह अच्छी बात है। लेकिन राशन वितरण की फोटो व वीडियो वायरल करना गरीब परिवारों के साथ मजाक है, इसकी जिलेभर में गंभीरता से पालना होनी चाहिए। बैठक में रमजान के माह में रोजेदारों के लिए पर्याप्त इंतजाम करने के बारे में कई निर्देश दिए।
बैठक में शिक्षा मंत्री ने बताया कि मुख्यमंत्री व चिकित्सा मंत्री से सीकर में जांच लैब शुरू करने को लेकर बातचीत हो गई है, उपकरण भी यहां पहुंच गए है। इसलिए जल्द से जल्द जांच व्यवस्था शुरू कराई जाए, ताकि नमूनों की रिपोर्ट के लिए ज्यादा इंतजार नहीं करना पड़े। बैठक में एडीएम जयप्रकाश नारायण, सीएमएचओ डॉ.अजय चौधरी, पीएमओ डॉ. अशोक चौधरी, डॉ. देवेन्द्र दाधीच आदि मौजूद रहे।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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