जयपुर।
शबेबरात के अवसर पर रातभर मस्जिदो मे बैठकर इबादत करने व कब्रिस्तान जाकर मरहूमीन के हक मे दुवाऐ करने का चलन पाया जाने के बावजूद कोराना वायरस के बरसते कहर व लोकडाऊन की पूरी तरह पालना करने के लिये राजस्थान के सभी कब्रिस्तानो के प्रबंध कमेटियों ने ताले जड़ दिये थे। एवं लोगो ने मस्जिदों की बजाय घर पर रहकर इबादत करते हुये कोविड-19 से जल्द निजात दिलाने की दुवाऐ पाक परवरदिगार से की गई।
राजस्थान के सभी मसलक के धार्मिक विद्वानों एवं सरकार द्वारा लोकडाऊन की पालना करने की अपील का पूरा असर नजर आया। कब्रिस्तान खामोश थे वही गली-मोहल्लों व बस्तियों से इंसान पूरी तरह दूर रहकर अपने अपने घरो मे शुकून के साथ बैठकर पाक परवरदिगार की बारगाह मे इबादत व दुवाओ के साथ रातभर ठहरे रहे।
हालांकि अब से पहले अधिकांश मुस्लिम परिवारों मे शबेबरात के अवसर पर पकवान पकने व कब्रिस्तान जाकर मरहूमीन के हक मे दुवाऐ करने के अलावा मस्जिदों मे रहकर इबादत करने के समय काफी भीड़भाड़ होना देखा जाता था। लेकिन गुजरी रात को ना रास्तो मे ओर ना ही कब्रिस्तान एवं मस्जिदों मे भीड़ देखी गई। पुरी तरह सब जगह खामोशी ही खामोशी नजर आ रही है। लोग अपने घरो मे पकवान ना पकाकर केवल हमेशा की घर पर खाना बनाकर खाया ओर बचत को जरुरतमंदों को तकसीम करके भाईचारे व दुख-तकलीफ मे एक दूसरे के साथ खड़ा होने का संदेश दिया।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
टिप्पणियाँ