सीकर।
कोविड-19 व लोकडाऊन के संकट के दौर मे सरकार व भामाशाहों द्वारा जरुरतमंदों तक हर तरह की सहायता व चिकित्सा सुविधा पहुंचा कर राहत देने की भरसक कोशिशो का सीलसीला जारी कर रखा है। दूसरी तरफ संकट के दौर मे अनेक लोग वस्तुओं की कालाबाजारी करने से बाज नही आ रहे है। सीकर पुलिस ने अभिशेक, मनीष व संजय नामक तीन व्यापारियों को प्रतिबिंबित गुटखा व सिगरेट की तय किमत से अधिक दामो पर बेचते गिरफ्तार करके बडी सफलता पाई है।
लोकडाऊन के बाद से ही गुटखों की तय किमत से मुहं मागी अधिक किमत पर उन्हें बेचकर कालाबाजारी करने की चर्चा आम होनै के बाद व्यापारियों द्वारा कालपनिक कमी बताकर उनकी कालाबाजारी करके मोटा मुनाफा कमाने की एक कड़ी सी बनती नजर आने लगी थी।
लोकडाऊन मै प्रतिबंधित गुटखा चार गुना अधिक किमत पर बेच रहे व्यापारियों को पुलिस की जिला विशेष टीम ने पहले अलग अलग दुकानों से गुटखा खरीदते हुये वीडियो बनाये एवं उसके बाद शहर कोतवाली ने छापा मारकर वीडियो के आधार पर तीनो व्यापारियों को गिरफ्तार करके भारी मात्रा मे गुटखा व सिगरेट बरामद करके सबको सोचने पर मजबूर कर दिया। जानकारी अनुसार व्यापारी देश पर कोविड-19 के कारण आये संकट के दौर मे दोसो रुपये के डिब्बे के छ सो रुपयो वसूल कर रहे थे।
शहर कोतवाली पुलिस ने इस सीलसीले मे अभिशेक निवासी माधवगंज निवासी वार्ड नम्बर नो से 1700 पाउच व 950 सिगरेट, मनीष से 4104 गुटखे एवं संजय निवासी तबेला बाजार से 4540 गुटखे बरामद किये है।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
टिप्पणियाँ