सरकार स्वास्थ्य के साथ साथ आर्थिक मोर्चे पर भी लड़ाई लड़ेगी। - गुटखा-जर्दा खाने पर राजस्थान मे लग सकती है रोक!


जयपुर।
             भारत में आर्थिक गतिविधियां ठप पड़ी हैं और लोगाें के पास रोजगार नहीं है। लॉकडाउन के कारण केन्द्र एवं राज्यों को मिलने वाले राजस्व में भारी कमी आई है। अर्थव्यवस्था पर गंभीर विपरीत प्रभाव पड़ा है और उद्योगों को भी काफी नुकसान हुआ है। ऎसे में मुख्यमंत्री कि कहना है कि राज्य सरकार स्वास्थ्य के साथ-साथ आर्थिक मोर्चे पर भी लड़ाई लड़ रही है। 
           मुख्यमंत्री निवास से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मीडिया प्रतिनिधियों के साथ मुख्यमंत्री ने वार्ता करते हुये कहा कि एफसीआई के गोदाम गेहूं से भरे हुए हैं, ऎसे में केन्द्र सरकार को चाहिए कि ऐसे सभी लोगों को जिन्हें जरूरत है उन्हें गेहूं उपलब्ध कराये, चाहे उनके पास राशन कार्ड हो अथवा नहीं हो। इसके अलावा जो लोग राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत कवर नहीं भी हैं उन्हें भी गेहूं उपलब्ध कराया जाये ताकि किसी को भी भूखा नहीं सोना पड़े। फिलहाल उनकी पहली प्राथमिकता कोविड-19 के संक्रमण को पूरी तरह से रोकना है, लेकिन साथ ही आर्थिक गतिविधियां संचालित हो सकें इसके भी प्रयास किये जा रहे हैं। मॉडिफाइड लॉकडाउन के दौरान केन्द्र सरकार की गाइडलाइन का राजस्थान मे पूरी तरह से पालन करते हुए सोशल डिस्टेंन्सिग के साथ औद्योगिक गतिविधियां संचालित हों यह सुनिश्चित किया जाएगा। 
              मुख्यमंत्री ने कहा कि अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए केन्द्र एवं राज्यों को मिलकर काम करना होगा। लॉकडाउन खोलने की प्रक्रिया भी चरणबद्ध तरीके से लागू करनी होगी ताकि आर्थिक गतिविधियाें के संचालन के साथ ही वायरस का संक्रमण रोकने में अभी तक जो सफलता मिली है उसे बरकरार रखा जा सके। 
            कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिये राजस्थान मॉडल के तहत जो काम हो रहा है और ज्यादा से ज्यादा संख्या में टेस्ट किये जा रहे हैं, उसकी तारीफ दिल्ली से आई टीम ने भी की है। जयपुर में शनिवार को कई लोगों के रैपिड एंटी बॉडी टेस्ट किए गये। मुख्यमंत्री ने बताया कि अभी तक प्रदेश में 47000 से भी अधिक जांचें की गई हैं और पॉजिटिव पाये गये मरीजों को ठीक करने में हमें काफी सफलता मिली है। फिलहाल आईसीयू में 6 मरीज हैं। जबकि 942 अन्य मरीजों का सामान्य वार्डों में ईलाज चल रहा है। अभी तक 183 मरीज ठीक हो चुके है उनमें से 83 को अस्पतालों से डिस्चार्ज किया गया है।
            सरकारी कर्मचारी एवं पुलिसकर्मी अपनी जान जोखिम में डालकर अपने कर्तव्य का निर्वहन कर रहे हैं, ऐसे में कोरोना वॉरियर्स के साथ किसी भी तरह के दुर्व्यवहार की निंदा की जानी चाहिए। टोंक में हुई घटना पर सख्त कार्यवाही करते हुए राज्य सरकार ने 8 लोगों को गिरफ्तार किया है। पूरे प्रदेश में ऎसे प्रकरणों में 191 लोग गिरफ्तार किए गए हैं। आमजन से मुख्यमंत्री ने अपील की है कि इस महामारी से लड़ी जा रही जंग को जीतने के लिए हमें धर्म, जाति, समुदाय एवं राजनीति की भावना से ऊपर उठकर साथ मिलकर काम करना होगा और इस बात का ध्यान रखना होगा कि देश और प्रदेश में किसी तरह का नफरत का माहौल पैदा नहीं हो।
            कोरोना से लडाई में सोशल डिस्टेंन्सिग की पालना करने के साथ ही प्रदेशवासियों को इस बात का भी ध्यान रखना होगा कि गुटखा/जर्दा खाकर सार्वजनिक स्थानों पर नहीं थूकें। यूरोपीय देशों एवं खाड़ी देशों में सार्वजनिक स्थल पर थूकना एक अपराध है और ऎसे लोगों पर भारी जुर्माना लगाया जाता है। इससे वहां अब लोगों की आदतें बदल गई हैं। राजस्थान सरकार की भी मंशा है कि यहां लोग तंबाकू, गुटखा या पान खाकर राह चलते कहीं भी थूकने की आदत बदलें। 
            उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार ने राजस्थान एपिडेमिक डिजीजेज एक्ट 1957 के तहत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए इस संबंध में एक अधिसूचना जारी कर सार्वजनिक स्थानों पर थूकने पर दण्डात्मक कार्यवाही के प्रावधान किए हैं।
           इसके विपरित संकट के इस दौर मे भी कुछ नेता व लोग नफरत पैदा करने से बाज नही आ रहे है। राजस्थान के रामगंजमंडी से भाजपा विधायक मदन के खिलाफ कोटा के महावीर नगर पुलिस थाने मे विभिन्न धाराओं मे दर्ज हुवा है। वही दूसरा मामला सांगानेर विधायक अशोक लाहोटी के खिलाफ मानसरोवर, जयपुर थाने मे दर्ज हुवा है। इसी तरह सीकर के लोसल थाना की पुलिस ने सोशल मीडिया पर एक समुदाय के खिलाफ लगातार अभ्रद टिप्पणी करने के आरोपी विकास/शिवपाल कुमावत, विनोद/दयाराम कुमावत व राहुल मिश्रा/गोपाल मिश्रा नामक तीन युवाओं को गिरफ्तार किया है।


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