जयपुर।
.. .भारत सरकार के गृह मंत्रालय के 15 अप्रैल को जारी निर्देशों के क्रम में राजस्थान राज्य सरकार ने 20 अप्रैल, 2020 से मोडिफाइड लॉकडाउन के तहत उद्योग एवं उद्यमों को शुरू करने के संबंध में नये दिशा निर्देश जारी किये हैं। जिनके अनुसार ऐसे उद्योग/उद्यम शुरू किये जा सकेंगे जो कि ग्रामीण क्षेत्र (जो नगर पालिका व नगर निगमों की सीमा के बाहर स्थापित हों) अथवा नगर निगम/नगर पालिका क्षेत्रों में स्थापित औद्योगिक क्षेत्र, निर्यात आधारित इकाइयां अथवा सेज जहां आवागमन नियंत्रित हो तथा उनके फैक्ट्री परिसर या आस-पास श्रमिकों को ठहराने की पर्याप्त व्यवस्था हो।
इन क्षेत्रों में स्थापित उद्योग/उद्यमों को उनके श्रमिकों को (न्यूनतम आवश्यकता के अनुसार) फैक्ट्री परिसर में लाने हेतु एक बार में परिवहन के लिए चिन्हित वाहन को पास देने की व्यवस्था की जाएगी। यह पास रीको औद्योगिक क्षेत्रों में रीको के क्षेत्रिय प्रबंधक तथा अन्य क्षेत्रों में जीएम (डीआईसी) द्वारा दिये जाएंगे। इसके लिए आवेदन https://epass.rajasthan.gov.in पर ऑनलाइन या राजकॉप सिटीजन मोबाइल ऐप पर अथवा ऑफलाइन सीधे ही किया जा सकेगा।
पहले से चालू अथवा अनुमत उद्योग पूर्व की भांति संचालित रह सकेंगे और उनके पास भी वैध रहेंगे।
इन दिशा निर्देश जारी होने के बाद मार्बल नगरी मकराना मे उपखण्ड कार्यलय मे उपखण्ड अधिकारी शीराज जैदी की सदारत मे खान ऐसोसिएशन, स्थानीय प्रतिनिधि व सरकारी अधिकारियों के बैठक हुई जिसमे खान मालिकों की एक मत से आये सुझाव के चलते मार्बल खान शुरू नही करने का तय हुवा है।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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