जयपुर 24 अप्रैल : राजस्थान में कोरोना वायरस का कहर जारी है और इसके मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही हैं लेकिन लाकडाउन द्वितीय चरण में कोरोना मरीजों की वृद्धि दर में कमी आई हैं।
राज्य में अब तक सामने आये कोरोना मरीजों के आंकड़ों के अनुसार गत 14 अप्रैल से पहले की मरीजों की वृद्धि दर के हिसाब से शुक्रवार को कोरोना मरीजों की संख्या बढ़कर तीन हजार से अधिक पहुंच जाती लेकिन लाकडाउन द्वितीय में इसकी वृद्धि दर में कमी आने से अब तक दो हजार मामले सामने आए हैं।
गत सत्रह मार्च को इसके चार मामले सामने आने के बाद 31 मार्च तक प्रदेश में इसके मरीजों की संख्या बढ़कर 93 पहुंच गई और इसके अगले दिन एक अप्रैल को यह संख्या 120 पहुंच गई। इसके बाद लाकडाउन प्रथम 14 अप्रैल तक राज्य में कोरोना के मरीजों की संख्या 1005 पहुंची। इस दौरान अगर मरीजों की वृद्धि दर को देखा जाए तो 14 अप्रैल को यह संख्या बढ़कर 1028 पहुंच जाती। इसी दिन से इसके मरीजों की वृद्धि दर में गिरावट शुरू हुई।
इसके बाद शुरू हुए लाकडाउन के दूसरे चरण में 15 अप्रैल को जहां मरीजों की संख्या 1171 पहुंच जाती, वह 1076 ही पहुंच पाई। इसी तरह 16 अप्रैल को 1326 की जगह 1131, सत्रह अप्रैल को 1495के स्थान पर 1229, 18 अप्रैल को 1679की जगह 1351, 19 अप्रैल को 1878 की जगह 1478, 20 अप्रैल को 2092 की जगह 1576, 21 अप्रैल को 2322 के स्थान पर 1735, 22 अप्रैल को 2569 की जगह 1888, 23 अप्रैल को 2834 की जगह 1964 तथा 24 अप्रैल को 3116 की जगह इसके मरीजों की संख्या दो हजार ही पहुंच पाई।
इस प्रकार लाकडाउन के दूसरे चरण में मरीजों के वृद्धि दर में कमी आने से मरीजों की संख्या में एक हजार से अधिक की कमी दर्ज की गई।
प्रदेश में सबसे पहले गत दो मार्च को कोरोना का मामला सामने आया था और सत्रह मार्च को इसके मरीजों की संख्या बढ़कर चार हो गई थी। इसके बाद कोरोना के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती गई और दो हजार पहुंच गई।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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