जयपुर।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश में कोरोना संक्रमण रोकने के लिए लागू लाॅकडाउन से आगे की रणनीति पर काम करना शुरू कर दिया है। उन्होंने इसके लिए संपूर्ण लाॅकडाउन को चरणबद्ध रूप से हटाने के लिए सुझाव देने तथा लाॅकडाउन से प्रभावित हुई अर्थव्यवस्था को फिर से पटरी पर लाने के संबंध में सुझाव देने के उद्देश्य से 2 टास्क फोर्स का गठन किया है। इसके लिए शुक्रवार को आदेश जारी किए गए।
गहलोत ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कान्फ्रेंस के दौरान की गई अपील के क्रम में अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह श्री राजीव स्वरूप की अध्यक्षता में 12 अधिकारियों और विशेषज्ञों की पहली टास्क फोर्स गठित की है, जो लाॅकडाउन हटाने के लिए महत्वपूर्ण उपाय सुझाएगी। इसमें अतिरिक्त मुख्य सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य रोहित कुमार सिंह तथा अतिरिक्त मुख्य सचिव उद्योग सुबोध अग्रवाल के साथ-साथ पुलिस महानिदेशक भूपेन्द्र सिंह, ऊर्जा और कृषि विभाग के प्रमुख शासन सचिव एवं खाद्य आपूर्ति तथा श्रम विभाग के शासन सचिव के साथ-साथ चिकित्सा विशेषज्ञ डाॅ. अशोक पनगड़िया, डाॅ. वीरेन्द्र सिंह और डाॅ. एसडी गुप्ता और अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक अपराध बीएल सोनी भी टास्क फोर्स के सदस्य होंगे। इस टास्क फोर्स का प्रशासनिक विभाग गृह विभाग होगा।
मुख्यमंत्री ने दूसरी टास्क फोर्स मुख्यमंत्री के आर्थिक सलाहकार एवं राजस्थान ट्रांसफोर्मेशन काउंसिल के उपाध्यक्ष अरविन्द मायाराम की अध्यक्षता में बनाई है। जिसमें मुख्यमंत्री के सलाहकार डाॅ. गोविंद शर्मा, अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त निरंजन आर्य, अतिरिक्त मुख्य सचिव उद्योग सुबोध अग्रवाल के साथ-साथ आयोजना, सामाजिक न्याय तथा कृषि विभागों के प्रमुख शासन सचिव और विज्ञान प्रौद्योगिकी एवं पशु-पालन विभागों के शासन सचिव सदस्य के रूप में शामिल हैं। दूसरी टास्क फोर्स का प्रशासनिक विभाग आयोजना विभाग होगा।
गहलोत ने निर्देश दिए हैं कि दोनों ही टास्क फोर्स में आवश्यकता के अनुसार किसी भी अन्य अधिकारी, विषय विशेषज्ञ या अन्य व्यक्ति को सदस्य के रूप में नामित किया जा सकेगा। पहली टास्क फोर्स लाॅकडाउन हटाने की स्थिति के बारे में जल्द से जल्द अपने सुझाव देगी, जिन्हें भारत सरकार को भेजा जाएगा। इसी प्रकार दूसरी टास्क फोर्स अर्थव्यवस्था को सुधारने के लिए रणनीति तैयार करेगी जिस पर राज्य तथा केन्द्र सरकारें कोरोना वायरस के संक्रमण की स्थिति सुधरने पर तुरंत काम शुरू कर सकेंगी।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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