जयपुर 28 अप्रैल राजस्थान में कोरोना वायरस का कहर जारी है और इससे मरने वालों का आंकड़ा बढ़कर पचास के पार हो गया है।
चिकित्सा विभाग के अनुसार कोटा में इसके एक मरीज की और मौत हो जाने पर प्रदेश में इससे मरने वालों की संख्या बढ़कर 51 पहुंच गई। इसमें सर्वाधिक 27 लोगों की मौत जयपुर में हुई हैं। जोधपुर एवं कोटा में छह-छह, भरतपुर, भीलवाड़ा एवं सीकर में दो-दो तथा अलवर, बीकानेर, नागौर एवं टोंक में एक-एक कोरोना मरीज की मौत हुई है। इससे मरने वालों में उत्तर प्रदेश के दो लोग भी शामिल हैं।
राज्य में मंगलवार को 66 नये मामले सामने आने से कोरोना मरीजों की संख्या बढ़कर 2328 पहुंच गई। चिकित्सा मंत्री डॉ रघु शर्मा ने बताया कि प्रदेश में अब तक करीब 88 हजार सैम्पल की जांच की गई जो देश में सबसे ज्यादा है। राज्य में अब तक 766 मरीज ठीक हो चुके हैं जबकि 584 को अस्पताल से छुट्टी दी जा चुकी है।
प्राप्त आंकड़ों के अनुसार राज्य की राजधानी जयपुर सहित सात जिलों में ही इसके मरीजों की संख्या ज्यादा सामने आ रही हैं। जिसमें जयपुर में सर्वाधिक 850, जोधपुर में 388, कोटा 184, अजमेर में 135, टोंक में 126, नागौर में 116 एवं भरतपुर में 110 मामले सामने आए हैं। हालांकि 244 मरीजों के ठीक होने से अब जयपुर में 584 मरीज रह गये हैं।
इसी तरह जोधपुर में 81 मरीज ठीक होने से 307, कोटा में 98 मरीजों के स्वस्थ होने से 86, टोंक में 35 के ठीक होने के बाद पाज़ीटिव मामलों की संख्या 91 रह गई है।
राज्य में सत्रह जिले ऐसे हैं जहां कोरोनावायरस के मरीजों की संख्या दो अंकों तक ही नहीं पहुंच पाई है। इनमें हनुमानगढ़ में नौ, चित्तौड़गढ़ एवं सवाईमाधोपुर में में आठ-आठ, धौलपुर में छह, भीलवाड़ा एवं जैसलमेर में पांच-पांच, सीकर में चार, अलवर, झुंझुनूं एवं उदयपुर में दो-दो तथा बाड़मेर, बीकानेर, चुरू, डूंगरपुर, करौली, पाली एवं राजसमंद में एक-एक मरीज हैं।
इसके अलावा दौसा जिले में 14, झालावाड़ में 24 एवं बांसवाड़ा में 31 कोरोनावायरस के मरीज हैं।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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