जयपुर।
मुख्यमंत्री निवास पर लॉकडाउन को लेकर हुई उच्च स्तरीय बैठक में निर्देश दिए कि 21 अप्रैल से प्रदेश में योजनाबद्ध तरीके से मॉडिफाइड लॉकडाउन लागू किया जाए। ग्रामीण एवं औद्योगिक क्षेत्रों में 20 अप्रैल के बाद से औद्योगिक इकाइयों को शुरू करने के निर्देश दिए इससे प्रदेश में मौजूद प्रवासी मजदूरों को भी रोजगार मिल सकेगा।
शहरी क्षेत्रों में ऐसे उद्योग जहां श्रमिकों के लिए कार्य स्थल पर ही रहने की सुविधा उपलब्ध है, उन्हें भी शुरू किया जाए। हालांकि इनमें बाहर से मजदूरों के आवागमन की अनुमति नहीं होगी। जिला कलेक्टर, रीको, जिला उद्योग केन्द्र तथा पुलिस समन्वय स्थापित कर यह सुनिश्चित करें, जिससे लॉकडाउन के दौरान उद्योगों के शुरू होने में कोई परेशानी न आए। ऐसी पुख्ता व्यवस्था की जायेगी जिससे उद्यमी को किसी प्रकार की आवश्यकता होने पर संबंधित अधिकारी से सम्पर्क कर सकें। साथ ही मजदूरों तथा कर्मचारियों के आने-जाने में पास की व्यवस्था को सुगम किया जायेगा।
.इसी क्रम में सरकारी कार्यालयों को भी चरणबद्ध तरीके से खोलने के निर्देश दिए हैं। वर्तमान में आवश्यक सेवाओं में आने वाले विभाग पूरी तरह काम कर रहे हैं। इनके साथ ही अन्य कार्यालयों में भी आने वाले समय में काम शुरू किया जायेगा और इनमें ग्रुप-ए एवं ग्रुप-बी के अधिकारियों की उपस्थिति आवश्यकतानुसार सुनिश्चित की जायेगा। साथ ही ग्रुप-सी एवं ग्रुप-डी के एक-तिहाई कार्मिकों को सोशल डिस्टेंसिंग की पालना करते हुए बुलाया जाए।
बैठक में निर्देश दिए कि ग्रामीण क्षेत्रों में सार्वजनिक निर्माण एवं सिंचाई से संबंधित कार्य शुरू किए जाएं। साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग एवं स्वास्थ्य से संबंधित अन्य प्रोटोकॉल को फॉलो करते हुए मनरेगा कार्यों में तेजी लाई जाए। इससे ग्रामीण क्षेत्रों में श्रमिकों के लिए रोजगार के अधिक से अधिक अवसर उपलब्ध हो सकेंगे। प्रदेश में कोरोना संक्रमण के हॉटस्पॉट बन रहे जिन स्थानों पर कर्फ्यू लागू है, वहां कर्फ्यू की सख्ती से पालना की जाए। इन क्षेत्रों से किसी को भी आने-जाने की इजाजत नहीं दी जाएगी। इनमें कर्मचारी भी शामिल हैं।
भारत सरकार ने 3 मई तक लॉकडाउन बढ़ाने को लेकर जो विस्तृत गाइडलाइंस जारी की है, उसकी प्रदेश की परिस्थितियों के मद्देनजर पूरी पालना सुनिश्चित की जायेगी। राज्य सरकार इस महामारी से आमजन की रक्षा तथा आर्थिक गतिविधियों को सुचारू बनाने के लिए केन्द्र से समन्वय के साथ काम कर रही है।
बैठक में मुख्य सचिव डीबी गुप्ता,अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह राजीव स्वरूप, अतिरिक्त मुख्य सचिव चिकित्सा रोहित कुमार सिंह सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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