जयपुर।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अपील पर अनेक नेता व उधोगपति एवं सामाजिक कारकून कोविड-19 से प्रकोप को कम करने के लिये मुख्यमंत्री राहत कोष मे रकम जमा करवा रहे है। साथ ही अनेक विधायकों ने विधायक निधि विकास कोटे से मुख्यमंत्री राहत कोष मे अपने क्षेत्र मे खाद्य सामग्री सहित चिकित्सा उपकरणो की खरीद के लिये धन देने की घोषणा कर वाह वाही लूटने की कोशिशे की है। इसके मध्य राजस्थान के भादरा तहसील विधानसभा क्षेत्र से माकपा विधायक कोमरेड बलवान पूनिया ने अपनी एक सोने की अंगूठी मुख्यमंत्री को आज पत्र लिखकर उनके राहत कष मे दान देने की पेशकश की है।
विधायक कामरेड बलवान पूनिया द्वारा 23 अप्रैल को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिखकर कहा कि कोराना-19 से लड़ने के लिये आपके कोष मे सभी लोग कुछ ना कुछ दे रहे है। उन्होंने 13668 रुपये के मेडिकल किट खरीदकर भादरा CHC को दिये है। अब उनके पास कोई नगदी नही होने के कारण उनके पास मौजूद एक सोने की अंगूठी मुख्यमंत्री राहत कोष मे दान करना चाहते है।
कुल मिलाकर यह है कि माकपा के राज्य सचिव पूर्व विधायक कामरेड अमरा राम के नेतृत्व मे सीकर माकपा दफ्तर मे जनसहयोग से लगातार जनता रसोई चल रही है। जहां से बना भोजन जरुरतमंदों तक पहुंचाया जा रहा है। इधर माकपा विधायक कामरेड बलवान पूनिया ने अंगूठी को मुख्यमंत्री राहत कोष मे दान करने की घोषणा करके नई राह का आगाज किया है।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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