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नो अप्रैल को शबेबरात के दिन समुदाय को जागरूक लोगो को समझाना होगा कि वो लोकडाऊन व अन्य सरकारी आदेश का पूर्णतया पालन करे।

सीकर।
               मुस्लिम समुदाय मे कुछ लोग शबेबरात के दिन को एक उत्सव के तौर पर मनाने के साथ रात को कब्रिस्तान जाकर अपने मरहूमीन के हक मे दुवाऐ करने का चलन भी देखा जाता है। वही कुछ युवा इस अवसर पर बाजार व सड़को पर बाईक से कलाबाजियां करने से भी नही चुकते है। युवाओं के कुछ ग्रूप द्वारा इस अवसर पर उदण्डता करके लोगो के सामने कभी कभी दिक्कतें भी पैदा कर देते है। नो अप्रेल को भारत मे मनाये जाने वाले शबेबरात के अवसर पर सभी लोगो को लोकडाऊन का पूर्णतया पालन करना कम से कम समुदाय के जागरूक लोगों की तरफ से निश्चित करना होगा।
            लोकडाऊन के चलते जिस तरह से दिन की पांचों वक्त की नमाज के साथ साथ जुम्मे की विशेष नमाज अपने अपने घरो मे अदा की जा रही है। उसी तरह शबेबरात की रात को इबादत करने वालो को घर रहकर ही इबादत करना तय करना होगा। कोराना वायरस से बचाव के लिये सरकार ने जलसे-जूलूस व अन्य तरह के समारोह पर पूरी तरह रोक लगा रखी है। उसके तहत उस रात को कब्रिस्तान कमेटियों को भी चाहिए की वो कब्रिस्तान के ताला लगाकर रखे एवं फिर भी कोई आने का दवाब बनाये तो उनको शख्ती से रोके।
          वेश्विक बीमारी कोराना से बचाव व उससे बचाने के लिये जारी सभी सरकारी आदेशों का पूरी तरह पालन करने का हर इंसान का कर्तव्य बनता है। कोराना वायरस के ट्रांसमिशन को रोकने के लिये हमको सोशल डिस्टेंस को रखना अतिआवश्यक हो जाता है। इसके लिए उस रात को सभी लोग कब्रिस्तान व मस्जिदों से दूरी बनाकर अपने अपने घर व्यक्तिगत इबादत करने को ही बेहतर कदम मानना होगा। वेश्विक बीमारी कोराना के समय अगर सरकारी आदेश के विपरीत कोई काम करता है त़ो प्रशासन को सख्त कदम भी उठाने पर विचार करना चाहिए।


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