मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश के विभिन्न जिलों में कोरोना संक्रमण की स्थिति की नियमित समीक्षा के दौरान जयपुर के रामगंज के साथ-साथ भीलवाड़ा, टोंक, चुरू, बीकानेर, झुंझुनु, जोधपुर, डूंगरपुर और दौसा जिलों में कोरोना के संदिग्ध व्यक्तियों की पहचान और संक्रमित मरीजों की संख्या के बारे में जानकारी ली। अधिकारियों ने बताया कि पूरे राज्य में संक्रमण की स्थिति आमतौर पर नियंत्रण में है और संदिग्ध जगहों पर संक्रमित लोगों की पहचान के लिए विशेष अभियान तेज गति से चलाए जा रहे हैं।
जयपुर सहित प्रदेश के विभिन्न शहरी क्षेत्रों में राशन की आपूर्ति तथा भोजन वितरण की स्थिति की समीक्षा की। बेसहारा और भोजन से वंचित लोगों तक राशन सामग्री अथवा पका हुआ भोजन पहुंचाने के लिए विशेष प्रयास किए जाएं। राज्य भर में चल रहे घर-घर स्वास्थ्य सर्वेक्षण को जल्द से जल्द पूरा करने के निर्देश दिए।
. बैठक में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा, मुख्य सचिव श्री डीबी गुप्ता, अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह श्री राजीव स्वरूप, अतिरिक्त मुख्य सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य श्री रोहित कुमार सिंह, अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त श्री निरंजन आर्य, पुलिस महानिदेशक श्री भूपेन्द्र सिंह, खाद्य आपूर्ति सचिव श्री सिद्धार्थ महाजन, सूचना एवं जनसम्पर्क आयुक्त श्री महेन्द्र सोनी, जिला कलेक्टर जयपुर श्री जोगाराम, जयपुर पुलिस आयुक्त श्री आनंद श्रीवास्तव एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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