कोविड-19 के कारण जारी लोकडाऊन मे सरकारी दिशा निर्देशोनुसार सभी तरह के धार्मिक इबादत व पूजा स्थलो मे पूजा व इबादत के लिये आम लोगो का आना पूरी तरह बंद हो चुका है। उस हालात मे इमाम व पुजारी अपने स्तर पर सरकारी आदेशों की पालना करते हुये समय पर पूजा व इमाम द्वारा नमाज की अदायगी कर रहे है।
लोकडाऊन के चलते मंदिरों मे उपलब्ध बिजली व पानी के अलावा अन्य जरुरत के लिये खर्चा तो पहले की तरह ही लग रहा है। एवं भक्तो के ना आने से आमदनी का जरीया कमजोर पड़ चुका है। तो क्षेत्र के जो भक्त पहले जिस तरह से मंदिरों मे दान चढाया करते थे उस तरह से ना सही पर अपनी हैसियत के मुताबिक जो जितना दान दे सकता है, उतना वहां तक पहुंचाने के लिए विचार जरुर करना चाहिए।
इसी तरह मस्जिद के इमाम की सैलेरी व रमजान का नजाराना देने का हक तो लोकडाऊन के बावजूद बनता ही है। पानी-बिजली व अन्य प्रकार के खर्चे भी पहले की तरह कायम है। अधीकांश मस्जिद मे जुम्मे के दिन नमाजियों से कुछ चंदे के रुप मे रकम जमा हो जाती थी। जिस चंदे की रकम से प्रबंध समिति मस्जिद के अखराजात को पूरा करने की कोशिश करते थे। लेकिन लोकडाऊन के चलते जुम्मे की नमाज के लिये आम लोगो का मस्जिद आना पूरी तरह बंद हो चुका है।
कुल मिलाकर यह है कि हर आदमी अपनी अख्लाकी जिम्मेदारी समझते हुये जो उनसे बन पाता है उतना दान-चंदा मस्जिद व मंदिर के प्रबंध समितियों तक हमेशा की तरह पहुंचाने पर विचार जरुर करना चाहिए।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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