उन्नाव :उप्र:,: जिला के गंगाघाट थानाक्षेत्र में शुक्लागंज की आनंद नगर मोहल्ला निवासी एक महिला पत्रकार के कोरोना वायरस से ग्रस्त पाए जाने के बाद उन्हें पृथक-वास में रखा गया है।
संक्रामक रोग प्रभारी डा. आर एस मिश्रा ने सोमवार को बताया कि रविवार देर रात कानपुर से सूचना मिली कि जनपद के शुक्लागंज नगर पालिका क्षेत्र में रहने वाली एक महिला कोरोना पॉजिटिव पाई गई हैं। इसके बाद कानपुर से आई स्वास्थ्य विभाग की टीम महिला पत्रकार को लेकर कानपुर चली गयी जबकि उनके परिवार के तीन अन्य सदस्यों को उन्नाव जिला अस्पताल में आइसोलेट किया गया है। तीनों का सैम्पल लेकर जांच के लिए भेजा जायेगा।
मिश्रा ने बताया कि महिला पत्रकार का सैम्पल कानपुर में लिया गया था। इसलिए कानपुर में ही उन्हें पृथक-वास में रखा गया है। जिले में कोरोना संक्रमित यह दूसरा मरीज है। इससे पहले एक मरीज उन्नाव शहर कोतवाली अंतर्गत किला क्षेत्र में मिला था। सूचना के साथ ही उन्नाव जिला प्रशासन हरकत में आ गया और घर के आसपास के एक किलोमीटर इलाके को सील कर दिया।
मिश्रा ने बताया कि नगर पालिका व स्वास्थ्य विभाग की टीम ने मिलकर पूरे एरिया को सैनिटाइज करने का कार्य शुरू कराया है।
दो दिन पहले अचानक तेज बुखार से पीडित हुए सीएमओ के रसोइया के बारे में मिश्रा ने बताया कि उसकी रिपोर्ट अभी नहीं मिली है । सीएमओ उन्नाव ने खुद को क्वारेंटाइन किया हुआ है । रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है। जैसे ही रिपोर्ट प्राप्त होगी, आगे की कार्रवाई की जायेगी।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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