माननीय मुख्यमंत्री महोदय
राजस्थान सरकार
जयपुर।
विषय-लोकडाऊन को शख्ती से लागू करवाने मे पुलिस की भूमिका।
महोदय,
कोराना-19 के बचाव के लिये लोकडाऊन की पालना करना हर शख्स के लिये जरुरी है व उसका कर्तव्य भी बनता है। पुलिस जनता के भले के लिये लोकडाऊन की पालना के तहत आम रास्तो के अलावा गली-मोहल्लों मे भी गस्त पर जाती है। पर कभी कभी कुछ पुलिस कर्मी सिविल वर्दी मे गस्त पर जाने के बाद नासमझी व अविश्वास के कारण बच्चों व बीना वर्दी वाले पुलिस कर्मियों के मध्य टकराव के हालात देखने मे मिले। जिसमे टोंक के कसाई मोहल्ले का भी एक उदाहरण सामने आ रहा है। टोक मे पुलिस कर्मियों पर हमले की निंदा होनी चाहिए।
अत: आपके पास ग्रह विभाग की जिम्मेदारी भी होने के कारण आपसे गुजारिश है कि बेहतर समझो तो जनहित मे आदेश जारी हो कि गस्त पर जाने वाले सभी पुलिस कर्मी अपनी वर्दी पहने हो। इससे अविश्वास की स्थिति कभी नही बनेगी ओर नाही कभी बच्चों व पुलिस मे आपसी टकराव पैदा होगा।
भवदीप
अशफाक कायमखानी
पूर्व सदस्य-राजस्थान राज्य मदरसा बोर्ड
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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