जयपुर।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना महामारी के कारण लॉकडाउन के इस समय में प्रदेश में गर्भवती महिलाओं की स्वास्थ्य सुरक्षा एवं सुरक्षित प्रसव के लिए राज्य सरकार ने कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं। गर्भवती महिलाओं के प्रति राज्य सरकार अपनी जिम्मेदारी बखूबी निभा रही है।
राज्य में जिला मुख्यालयों पर स्थित मातृ एवं शिशु कल्याण केन्द्र (एमसीएच) पर मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य सेवाओं को निर्बाध जारी रखते हुये सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में भी प्रसव सुविधाएं उपलब्ध हैं। ताकि गर्भवती महिलाओं को किसी तरह की परेशानी का सामना नहीं करना पडे़।
राजस्थान मे शुरू की गई मोबाइल ओपीडी वैन सेवा भी अन्य रोगियों के साथ-साथ गर्भवती महिलाओं को चिकित्सकीय परामर्श देने के लिए उपयोगी साबित हो रही है। प्रदेशभर में करीब 8 हजार रोगियों एवं गर्भवती महिलाओं ने मोबाइल ओपीडी वैन की सेवाओं का लाभ उठाया है। इन ओपीडी वैन में प्रतिदिन प्रातः 8 बजे से दोपहर 2 बजे तक चिकित्सक तथा एक नर्सिंगकर्मी चिकित्सा परामर्श के लिए उपलब्ध रहते हैं।
जयपुर के सांगानेरी गेट स्थित महिला चिकित्सालय में कोरोना प्रभावित हॉटस्पॉट से आने वाली गर्भवती महिलाओं के लिए अलग से वार्ड बनाया गया है, जिनमें उन्हें समुचित चिकित्सा सुविधाएं सोशल डिस्टेंसिंग के साथ उपलब्ध हो रही हैं। उल्लेखनीय है कि चिकित्सा विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए थे कि विभिन्न जिलों में गर्भवती महिलाओं की ट्रेकिंग कर प्रसव की सम्भावित तारीख की जानकारी जुटाई जाए और तय तारीख पर प्रसव के लिए समुचित व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएं। आईसोलेशन, क्वारेंटाइन तथा ट्रांजिट शिविरों में रह रही ऐसी महिलाओं की विशेष देखभाल के भी निर्देश दिए थे।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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