जयपुर।
कोरोना संक्रमण को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए समीक्षा करते हुए निर्देश दिए कि कोरोना महामारी से बचाव के लिए जयपुर में युद्ध स्तर पर काम किया जाए। यह ऐसी महामारी है जिसका आकलन करना बहुत मुश्किल है, ऐसे में हर परिस्थिति को ध्यान में रखते हुए ऐसी व्यवस्थाएं करें कि इस चुनौती से हम सफलतापूर्वक निपट सकें।
राज्य सरकार संसाधनों में कोई कमी नहीं रख रही है। अधिकारी मिशन के साथ जयपुर को कोरोना मुक्त करने की दिशा में आगे बढ़ रहे है। क्वारेंटाइन के लिए अधिक से अधिक स्थान चिन्हित कर वहां बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराएं। जेडीए तथा हाउसिंग बोर्ड इन स्थानों पर बिजली-पानी, बिस्तर, भोजन सहित अन्य आवश्यक सुविधाओं की व्यवस्था जल्द से जल्द करें ताकि आवश्यकता पड़ने पर वहां लोगों को क्वारेंटाइन किया जा सके। चारदीवारी में जिन 13 क्षेत्रों में संक्रमण के ज्यादा मामले सामने आए हैं, वहां विशेष फोकस किया जाए।
इसकी अतिरिक्त राशन व खाद्य सामग्री वितरण की समीक्षा भी की। प्रदेश के एवं बाहर के फंसे दिहाड़ी मजदूरों को भूखे नही मरने दिया जायेगा। उनके खाने का इंतजाम करनी की बात मुख्यमंत्री ने दोहराई। इसके साथ ही प्रदेश मे बाहर के व प्रदेश के अन्य प्रदेशों मे फंसे हुये लोगो की समस्याओं को सूनकर उनका निपटारा करने के लिये भारतीय प्रशासनिक व पुलिस सेवा के अधिकारियों को नोडल अधिकारी नियुक्त किये है।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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