नागौर (राजस्थान)।
नागोर के गावं बासनी गावं बेलिमा में कोरोना का मरीज पॉजिटिव मिलने के बाद धारा 144 सीआरपीसी के तहत आज दोपहर डेढ़ बजे से कर्फ्यू लगा दिया गया है। कर्फ्यू के दौरान इस क्षेत्र में कोई भी व्यक्ति स्वतंत्र रूप से भ्रमण नहीं कर सकेगा। यदि कोई व्यक्ति निषेधाज्ञा का उल्लघंन करता है तो उसके विरूद्ध भारतीय दण्ड संहिता की धारा 188, 269, 270 एवं राजस्थान एपेडेमिक डिजिज एक्ट 1957 एवं सु-संगत विधिक प्रावधानों तहत कार्रवाई की जाएगी।
गावं बासनी बेलिमा में कर्फ्यू के दौरान आवश्यक सेवाओं के लिए पूर्व में जारी किए गए पास, परमिट, अनुमति को तुरन्त प्रभाव से निरस्त कर दिया गया। उक्त सख्त निषेधाज्ञा प्रभावी रहने के दौरान आवश्यक सेवाओं की आपूर्ति के लिए विशेष पास, परमिट, अनुमति जारी करने के लिए उपखण्ड मजिस्ट्रेट नागौर को अधिकृत किया गया है।
ग्राम बासनी में प्रातःकालीन समय में विभागीय वाहन द्वारा दूग्ध आपूर्ति की व्यवस्था प्रबंध संचालक, नागौर दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ लिमिटेड, नागौर तथा फल एवं सब्जी की व्यवस्था सचिव, कृषि उपज मंडी करेंगे। इसके अतिरिक्त ग्राम बासनी में महाप्रबंधक, दी नागौर उपभोक्ता होलसेल भण्डार लिमिटेड, नागौर द्वारा विभागीय मोबाइल वैन के माध्यम से ग्राम बासनी में आवश्यक दैनिक उपभोग, खाद्य/किराणा सामग्री की आपूर्ति किया जाना सुनिश्चित किया गया हैं।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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