जयपुर।
राज्य सरकार के सभी कर्मचारियों के कोरोना अभियान से संबंधित ड्यूटी पर रहते हुए कोरोना संक्रमण की वजह से असामयिक मृत्यु होने पर 50 लाख रुपये की सहायता आश्रित/परिवार को देने की घोषणा की है।
भारत सरकार द्वारा कोरोना-महाप्रकोप में ड्यूटी के दौरान मृत्यु हो जाने पर सिर्फ स्वास्थ्य कर्मियों का 50 लाख रुपये का बीमा करने की घोषणा की है, इसका दायरा बढ़ाते हुए राज्य सरकार द्वारा उक्त स्वास्थ्य कर्मियों के अलावा अन्य सभी राज्य कर्मचारियों (पटवारी, ग्राम सेवक, कानिस्टेबल इत्यादि), संविदा कर्मचारी (सफाई कर्मचारी, स्वास्थ्य कर्मचारी इत्यादि) एवं मानदेय कर्मचारी (होम गार्ड, सिविल डिफेंस, आशा सहयोगिनी, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, आंगनबाड़ी सहायिका, मिनी आशा इत्यादि) को कोरोना अभियान की ड्यूटी पर रहते हुए कोरोना संक्रमण की वजह से असामयिक मृत्यु होने पर 50 लाख रुपये की सहायता दी जायेगी।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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