हालांकि कोविड-19 व लोकडाऊन के चलते भारत के अन्य हिस्सों की तरह राजस्थान प्रदेश मे भी सरकार के अलावा भामाशाहों के साथ साथ साधारण व्यक्तियों द्वारा भी अपने खर्च मे कटौती करके जरुरतमंदों की मदद करने का सीलसीला जारी है। जबकि हमारे सामाजिक व धार्मिक पर्व भी लोकडाऊन के मध्य मे आये लेकिन हमने हमारा कर्तव्य व देश के प्रति जिम्मेदारी निभाते हुये उन पर्वों को घर रहकर सादगी के साथ मनाया है।
लोकडाऊन के कारण दिहाड़ी मजदूर व अन्य तरह के कामगारों सहित अनेक लोगो को इधर से उधर होन के साथ काफी लोगो के बेरोजगार होने से उनकी आय के स्त्रोत या तो बंद हो चुके या मंद पड़ चुके है। जिनको दो वक्त के भोजन का इंतजाम करने के लिये मदद की जरूरत होने लगीं है।
कुल मिलाकर यह है कि वेश्विक महामारी कोविड-19 के कारण जरुरतमंदों की मदद करने के लिये हर इंसान को अपने रमजान माह व ईद के अवसर पर कम से कम वो भी अतिआवश्यक जरुरियात की वस्तुओं की खरीद ही करने का तय करना चाहिए। ताकि हमारे इस कदम से जो बचत हो उस बचत से आम जरुरतमंदों की मदद करके वतन की खिदमत कर सकते है।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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