जस्टिस मोहम्मद रफीक ने उडीसा हाईकोर्ट के 31-वे मुख्य न्यायाधीश के रुप मे शपथ ली।


जयपुर।
              राजस्थान हाईकोर्ट के वरिष्ठ न्यायाधीश रहे एवं उसके बाद हाल ही मे मेघालय हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश पद से तबादला होकर उडीसा गये जस्टिस मोहम्मद रफीक को भुनेश्वर स्थित राज भवन मे राज्यपाल प्रोफाइल गणेशीलाल माथुर ने उडीसा के 31-वे मुख्य न्यायाधीश के रुप मे शपथ दिलवाई। कोराना के कारण राज भवन मे एक सादे समारोह मे शपथ कार्यक्रम आयोजित हुवा।




          भुनेश्वर स्थित राजभवन मे आयोजित शपथ समारोह मे उडीसा हाईकोर्ट के न्यायाधीश एवं जस्टिस मोहम्मद रफीक के परिवार जनो मे पत्नी सीमा खान, पुत्र नवेद खान, पूत्रवधु सना खान व पोत्र शाहजिल भी मोजूद थे।
          राजस्थान के शेखावाटी जनपद के सुजानगढ़ कस्बे के एक कायमखानी परिवार मे 25-मई 1960 को पैदा हुये मोहम्मद रफीक ने वकालत की डीग्री लेकर शूरुआती दौर मे राजस्थान हाईकोर्ट मे वकालत करने के बाद बाद मे उन्हें राजस्थान हाईकोर्ट मे जज बनाया गया। उसके बाद वो राजस्थान हाईकोर्ट के दो अलग अलग समय कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश बनाये गये। उसके बाद उन्हें मेघालय हाईकोर्ट का मुख्य न्यायाधीश बनाने के बाद अब उनका वहा से स्थानांतरण उडीसा हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के तोर पर हुवा है।
                जस्टिस मोहम्मद रफीक उड़ीसा हाईकोर्ट के 31 वे मुख्य न्यायाधींश होंगे। एवं राजस्थान हाईकोर्ट से उड़ीसा के मुख्य न्यायाधीश बनने वाले वे दूसरे न्यायाधीश है इससे पूर्व जस्टिस के एस झवेरी भी उड़ीसा हाईकोर्ट के मुख्य न्यायााधीश रहे है। जिनकी 5-फरवरी 2020 को सेवानिवृति के बाद से ही उड़ीसा हाईकोर्ट में मुख्य न्यायाधीश का पद रिक्त चल रहा था।
             राजस्थान हाईकोर्ट मे एक जूनियर वकील से केरियर से शुरुआत करने वाले जस्टिस मोहम्मद रफीक ने साल 1984 में अपनी वकालत की शुरूआत की थी। वकालत के समय में जस्टिस मोहम्मद रफीक राजस्थान हाईकोर्ट के एकमात्र ऐसे अधिवक्ता थे,जो कांग्रेस और भाजपा दोनों के शासनकाल में अतिरिक्त महाधिवक्ता रहे। 15 मई 2006 को वे राजस्थान हाई कोर्ट में जज नियुक्त होने के बाद 13 नवंबर 2019 को जस्टिस मोहम्मद रफीक मेघालय हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश बनाये गये। 4 माह बाद ही सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने जस्टिस मोहम्मद रफीक को अहम जिम्मेदारी देते हुए मेघालय हाईकोर्ट से उड़ीसा हाईकोर्ट में तबादले की सिफारिश की थी। जिसे केन्द्र सरकार ने भी मात्र 4 दिन में ही मंजूरी देते हुए राष्ट्रपति भवन से भी आदेश जारी कर दिये गये है।
         जस्टिस मोहम्मद रफीक का जूनियर वकील से मुख्य न्यायाधीश तक का सफर:
- 25 मई 1960 को सुजानगढ़,चुरू में जन्म हुआ।
- 1984 में राजस्थान यूनिवर्सिटी से वकालत की डिग्री ली
- 8 जुलाई 1984 को वकालत के लिए रजिस्ट्रेशन करवाया
- राजस्थान हाईकोर्ट में सरकारी अधिवक्ता के कई पदो पर किया कार्य
- अस्सिटेंट गर्वेमेंट एडवोकेट और डिप्टी गर्वमेंट एडवोकेट रहे
- 7 जनवरी 1999 में सरकार में अतिरिक्त महाअधिवक्ता बने
       - जज बनने तक इस पद पर बने रहे
- 15 मई 2006 को राजस्थान हाई कोर्ट में जज नियुक्त हुए
- 14 मई 2008 को राजस्थान हाईकोर्ट के बने परमानेंट जज
- 3 अप्रैल 2019 को हाई कोर्ट में बने एक्टिंग चीफ जस्टिस
- 23 सितम्बर 2019 को दूसरी बार बने एक्टिंग चीफ जस्टिस
- 13 नवंबर 2019 को बने मेघायल हाईकेार्ट के मुख्य न्यायाधीश बनने के बाद अब उडीसा हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस पद 26-अप्रैल को शपथ ली है।
              हालांकि राजस्थान के मुस्लिम समुदाय से एडवोकेट कोटे से जस्टिस व फिर चीफ जस्टिस बनने वाले मोहम्मद रफीक पहले व्यक्ति है। लेकिन सर्विस कोटे से राजस्थान हाईकोर्ट मे इनसे पहले जस्टिस बनने वालो मे जस्टिस मोहम्मद फारुक, जस्टिस मोहम्मद असगर अली चोधरी व जस्टिस यामीन अली भी रह चुके है। इनके बाद सर्विस कोटे से जस्टिस भवंरु खा भी राजस्थान हाईकोर्ट मे जस्टिस रह चुके है। जिनमे जस्टिस फारुक हसन व जस्टिस यामीन अली का इंतेकाल हो चुका है। एवं जस्टिस मोहम्मद असगर अली चोधरी व जस्टिस भंवरु खा अभी जयपुर निवास करते है।
             जस्टिस मोहम्मद रफीक के उडीसा हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रहने के साथ साथ राजस्थान के जस्टिस गोविंद माथुर इलाहबाद हाईकोर्ट के व आर एस राठौड़ तेलंगाना हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश है। वही राजस्थान से ही जस्टिस अजय रस्तोगी व जस्टिस दिनेश महेश्वरी सुप्रीम कोर्ट मे न्यायाधीश है।


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