सीकर.
कोरोना के चलते इस महीने उपभोक्ताओं को एक अनुमानित (एवरेज) बिजली बिल मिलेगा। कोरोना वायरस के संक्रमण से लोगों को दूर रखने के लिए निगम ने मीटर रीडरों को को घर-घर जाकर मीटर रीडिंग लेने से साफ इंकार कर दिया हैं। ऐसे में सभी उपभोक्ताओं के औसत के आधार पर बिजली बिल जारी होंगे। निगम ने इस बार उपभोक्ताओं के लिए ऑनलाइन बिजली बिल जारी कर ऑनलाइन ही भुगतान करने की अपील की हैं। इस संबंध में निगम के अधीक्षण अभियंता नरेन्द्र गढ़वाल ने आदेश जारी कर दिए है। उपभोक्ताओं को बिल भुगतान के लिए सभी डिजीटल सुविधाएं दी गई हैं। विद्युत निगम के बिल भुगतान केन्द्र कोरोना वायरस के साए की वजह से आगामी आदेश तक बंद रहेंगे।
उपभोक्ताओं को मिलेगी राहत
बिजली निगम को लगातार बिजली की आपूर्ति भी सुनिश्चित करने को कहा है। साथ ही लोगों की बिजली आपूर्ति व सुरक्षा से जुड़ी शिकायतें को भी सुनने का निर्देश मिले है। इस निर्णय से उपभोक्ताओं व खास तौर से उन्हें बड़ी राहत मिलेगी जो घर से काम कर रहे हैं।
ऐसे कर सकते हैं भुगतान
उपभोक्ता को अपना बिजली बिल ऑनलाइन प्राप्त करने के लिए निगम की वेबसाइट के होम पेज पर उपलब्ध लिंक पर अपने ईमेल, फोन नंबर को अपने ‘के’ नंबर के साथ रजिस्टर करना होगा। उपभोक्ता बिल ऑनलाइन जमा भी करा सकते है। इसकी सुविधा भी निगम की वेबसाइट के होम पेज पर दी गई है। इसके अलावा उपभोक्ता अपना बिल मोबाइल ऐप, ऊर्जा सारथी, पेटीएम, गूगल पे, ई-मित्र, फोन पे, भीम ऐप, एमेजन ऐप और सभी प्रमुख बैकों की वेबसाइट पर उपलब्ध एप के माध्यम से भी जमा करा सकते हैं।
इनका कहना है
बिजली निगम मीटिर रीडिंग के आधार पर बिजली बिल तैयार करता है। रीडिंग के लिए मीटर रीडर डोर -टू-डोर जाते हैं। लेकिन कोरोना वायरस की वजह इस बार औसत के आधार पर बिजली बिल जारी किए जाएंगे। इस संबंध में आदेश जारी कर दिए है। उपभोक्ता ऑनलाइन बिल जमा करा सकते है।
एनएस गढ़वाल, अधीक्षण अभियंता सीकर।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
टिप्पणियाँ