सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

अप्रैल में ईंधन की मांग में 40 प्रतिशत गिरावट का अनुमान: रिपोर्ट

मुंबई, :: देश में कोरोना वायरस संक्रमण पर रोकथाम के लिये लागू लॉकडाउन (बंद) के कारण अप्रैल महीने में ईंधन मांग में 40 प्रतिशत की गिरावट आने का अनुमान है। एक रिपोर्ट में यह कहा गया।


इससे पहले मार्च में ईंधन मांग में करीब 20 प्रतिशत की गिरावट देखने को मिली थी।


इंडिया रेटिंग्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, मार्च में ईंधन की मांग में 20 प्रतिशत की कमी आयी जबकि महज 50 प्रतिशत परिशोधन क्षमता का ही इस्तेमाल किया जा सका।


एजेंसी ने कहा, ‘‘यदि 14 अप्रैल को लॉकडाउन समाप्त हो जाता है तब भी अप्रैल में ईंधन मांग में करीब 40 प्रतिशत गिरावट का अनुमान है। इसके कारण लोगों के घरों से बाहर नहीं निकलना, सीमित विमानन परिचालन, मजदूरों की अनुपल्ब्धता के कारण औद्योगिक व वाणिज्यिक गतिविधियों में धीमा सुधार तथा माल ढुलाई की सुस्ती है।’’


रिपोर्ट के अनुसार, लाभ के लिहाज से परिशोधन सर्वाधिक प्रभावित हुआ है। परिशोधन का मानक सिंगापुर मार्जिन फरवरी 2020 के 1.7 डॉलर प्रति बैरल तथा पिछले साल मार्च के 4.9 डॉलर प्रति बैरल की तुलना में गिरकर मार्च 2020 में 1.3 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया है।


रिपोर्ट में कहा गया कि आने वाले समय में लोग साझा कैब तथा सार्वजनिक परिवहन का इस्तेमाल करने से बचेंगे। ऐसे में निजी वाहनों के अधिक इस्तेमाल होने से ईंधन मांग में सुधार देखी जा सकती है।


हालांकि रिपोर्ट में तेल विपणन कंपनियों के लिये नकदी की कमी के संकट की आशंका को नकारा गया।


टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम

  नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...

इफ्तार पार्टियों का आयोजन लगातार जारी।

  सीकर-राजस्थान।        जनपद मे माहे रमजान शुरू होने के साथ ही अनेक सामाजिक व शेक्षणिक संस्थाओं के अलावा व्यक्तिगत लोगो द्वारा इफ्तार का आयोजन का सीलसीला जारी है।    इस सीलसीले के तहत सीकर शहर मे आज इतवार को सीकर में पंचायत शेखावाटी लीलगरान और युवा कमेटी की तरफ से रोजा इफ्तार पार्टी का आयोजन सय्यदा मस्जिद फतेहपुर रोड़ भैरुपुरा कच्चा रास्ता सीकर में किया गया। ,जिसमे सैकड़ों रोजेदारों ने शिरकत की और प्रदेश में अमन चैन की दुआ मांगी,इफ्तार के बाद मगरिब की नमाज पढ़ी गई।

सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले मुस्लिम विरोधी हिंसक तत्वों का मनोबल बढ़ाने वाले हैं- शाहनवाज़ आलम

  नयी दिल्ली, 9 मार्च 202 5. न्यायालयों द्वारा पिछले कुछ दिनों से दिए गए विवादित फैसलों से यह संदेश जा रहा है कि मई में आने वाले सुप्रीम कोर्ट के नए मुख्य न्यायाधीश पर आरएसएस और भाजपा अपने सांप्रदायिक एजेंडे के पक्ष में दबाव डालने की रणनीति पर काम कर रहे हैं. सेकुलर सियासी दलों और नागरिक समाज को इन मुद्दों पर मुखर होने की ज़रूरत है. ये बातें अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सचिव शाहनवाज़ आलम ने साप्ताहिक स्पीक अप कार्यक्रम की 185 वीं कड़ी में कहीं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के जज का किसी को मियां तियाँ और पाकिस्तानी कहने को अपराध नहीं मानना साबित करता है कि सुप्रीम कोर्ट के कुछ जज मुस्लिम विरोधी हिंसा में हिंसक तत्वों द्वारा प्रतुक्त होने वाली इन टिप्पणियों को एक तरह से वैधता देने की कोशिश कर रहे हैं. इस फैसले के बाद ऐसे तत्वों का न सिर्फ़ मनोबल बढ़ेगा बल्कि वो इसे एक ढाल की तरह इस्तेमाल करेंगे और पुलिस में शिकायत दर्ज कराने जाने वाले पीड़ित मुस्लिमों का मुकदमा भी पुलिस नहीं लिखेगी. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि इससे पहले भी मस्जिद के अंदर जबरन घुसकर जय श्री राम के ना...