सीकर 29 अप्रेल।
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत जिले में कार्यरत टीमों द्वारा बुधवार को शिविर लगाकर रोगियों को लाभान्वित किया गया। जिले में पांच स्थानों पर लगे शिविर में 100 रोगियों को लाभान्वित किया गया।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ अजय चौधरी ने बताया कि जिले के दुरूस्थ गांव व ढाणियों में लोगों को उपचार की सुविधा प्रदान करने के लिए मोबाइल हैल्थ टीमों को शिविर लगाने के निर्देश दिए गए। इसके तहत बुधवार को पांच स्थानों पर आयोजित हुए शिविरों में 23 पुरूश, 66 महिलाएं और 11 बच्चों का उपचार कर निशुल्क दवाइयां दी गई। उन्होंने बताया कि शिविरों में गर्भवती महिलाओं को एएनसी की सेवाएं भी दी जा रही है।
कूदन ब्लॉक में जेरठी में लगे शिविर में चार पुरूष, 17 महिलाए और एक बच्चों का उपचार किया गया। वहीं चार गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य की जांच भी की गई। वहीं सेवद बडी में लगे शिविर में पांच पुरूष, 18 महिलाओं का उपचार किया गया। यहां 15 गर्भवती महिलाओं की स्वास्थ्य जांच की गई।
नीमकाथाना ब्लॉक में अविनाषी में लगे शिविर में नौ गर्भवती महिलाओं को एएनसी सेवाएं दी गई। गर्भवती महिलाओं की स्वास्थ्य जांच कर आईएफए व अन्य दवाइयां निशुल्क दी गई। वहीं बराला में लगे शिविर में छह गर्भवती महिलाओं की स्वास्थ्य जांच की गई। श्रीमाधोपुर के कंचनपुरा में लगे शिविर में 14 पुरूश, 16 महिलाएं और दस बच्चों सहित 40 रोगियों का उपचार किया गया।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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