यस बैंक संकट, कोरोना वायरस की चिंता से दबाव में रह सकता शेयर बाजार: विशेषज्ञ

नयी दिल्ली, :: होली के अवकाश के चलते कम कारोबारी दिवस वाले आगामी सप्ताह में बाजार दबाव में रह सकता है। निवेशकों की नजर यस बैंक संकट तथा कोरोना वायरस पर है। इन दोनों के कारण कारोबारी धारणा पर असर पड़ा है।


शेयर बाजार मंगलवार को होली के कारण बंद रहेगा।


कई वृहत आर्थिक आंकड़े सप्ताह के दौरान आने हैं। औद्योगिक उत्पादन और खुदरा मुद्रास्फीति के आंकड़े बृहस्पतिवार को और थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति के आंकड़े शुक्रवार को जारी होंगे।


सैमको सिक्युरिटीज एंड स्टॉकनोट के संस्थापक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी जिमीत मोदी ने कहा, ‘‘उतार-चढ़ाव और मौजूदा माहौल के कारण आशंका को देखते हुए निवेशक वित्तीय संकट (यस बैंक और कोरोना वायरस) को लेकर चीजें साफ होने तक बाजार से दूर रह सकते हैं और निवेश घटा सकते हैं।’’


उन्होंने कहा कि निवेश को लेकर रूचि कम होने तथा सक्रिय निवेशकों की गतिविधियां कम होने से बाजार नीचे रहने की संभावना है।


मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के खुदरा शोध प्रमुख सिद्धार्थ खेमका ने कहा, ‘‘कोरोना वायरस और यस बैंक संकट तथा इसके वित्तीय प्रणाली पर पड़ने प्रभाव के कारण भारतीय शेयर बाजार में लगातार दूसरे सप्ताह तीव्र गिरावट रही। बाजार में जब तक स्थिति सामान्य नहीं रहती, बाजार में दबाव और उतार-चढ़ाव बना रह सकता है। विदेशी संस्थागत निवेशकों के पूंजी प्रवाह में उतार-चढ़ाव के कारण भी उठा-पटक बढ़ सकती है।’’


पिछले सप्ताह सेंसेक्स 720.67 अंक यानी 1.88 प्रतिशत नीचे आया।


यस बैंक पर नियामकीय पाबंदियों के कारण शुक्रवार को चौतरफा लिवाली के कारण सेंसेक्स 894 अंक टूटा।


रिजर्व बैंक के यस बैंक पर पाबंदी के बाद बैंक का शेयर शुक्रवार को 55 प्रतिशत से अधिक नीचे आया। केंद्रीय बैंक ने एक महीने में प्रति खाते 50,000 रुपये की निकासी की सीमा लगायी है तथा उसके निदेशक मंडल को हटाकर दूसरे बोर्ड को नियुक्त किया है।


इस बीच, प्रवर्तन निदेशालय ने रविवार को येस बैंक के सह-संस्थापक राणा कपूर को मनी लांड्रिंग मामले में गिरफ्तार कर लिया।


शेयर खान बाई बीएनपी परिबा के वरिष्ठ उपाध्यक्ष और प्रमुख (पूंजी बाजार रणनीति एवं निवेश) गौरव दुआ ने कहा, ‘‘एक और बैंक संकट में फंसा है। इस बार निजी क्षेत्र का प्रमुख बैंक यस बैंक है। हालांकि आरबीआई ने कदम उठाया है...लेकिन पहले से कमजोर धारणा पर और असर पड़ा है।’’


उन्होंने कहा, ‘‘भारतीय वित्तीय क्षेत्र में बार-बार समस्याएं सामने आने से विदेशी निवेशकों को गलत संदेश गया है। निकट भविष्य में एक नकारात्मक रुख देखने को मिल सकता है।’’


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