रायपुर,: छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित सुकमा जिले में लापता 17 जवानों के शव बरामद कर लिये गये हैं।
बस्तर क्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक सुंदरराज पी ने बताया कि सुरक्षा बल ने 17 जवानों के शवों को बरामद कर लिया है तथा उन्हें जंगल से बाहर निकाला जा रहा है। जवान नक्सलियों के साथ मुठभेड़ के दौरान शहीद हुए हैं।
सुंदरराज ने बताया कि शनिवार को सुकमा जिले के एलमागुड़ा में नक्सली गतिविधियों की सूचना के बाद चिंतागुफा, बुरकपाल और तिमेलवाड़ा से डीआरजी, एसटीएफ और सीआपीएफ के कोबरा बटालियन के छह सौ जवानों को रवाना किया गया था।
उन्होंने बताया कि जब सुरक्षा बल के जवान मिनपा गांव के जंगल में थे तब लगभग 250 की संख्या में नक्सलियों ने जवानों पर हमला कर दिया। इस घटना में 15 जवान घायल हो गए थे। लगभग ढाई घंटे तक दोनों ओर से गोलीबारी होने के बाद नक्सली वहां से फरार हो गए थे।
पुलिस अधिकारी ने बताया कि इस घटना के बाद 17 जवान लापता हो गए थे। बाद में सुरक्षा बलों ने लापता जवानों की खोज में खोजी अभियान चलाया था। आज लापता जवानों के शव बरामद कर लिये गये। शहीद जवानों के शवों को जंगल से बाहर निकाला जा रहा है।
इससे पहले पुलिस अधिकारियों ने इस घटना में 14 जवानों के घायल होने और 13 जवानों के लापता होने की सूचना दी थी।
मुठभेड़ में घायल जवानों को रायपुर के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इनमें से दो की हालत गंभीर है।
पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, मुठभेड़ के बाद से 16 हथियार भी गायब है जिसमें एके 47 और अंडर बैरल ग्रेनेड लांचर जैसे हथियार शामिल हैं।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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