सीकर।
शेखावाटी के सभी इक्कीस विधायकों व तीनो सांसदो को कोराना वायरस व लाकडाऊन से उपजे हालात मे परेशान जनता मे से भूखे मरने की हालात मे जो लोग पहुंच चुके है उनकी इस विपदा वाले हालात मे दरियादिली दिखानी चाहिये। वहीं स्थानीय जनता को अपने अपने विधायक को विधायक निधि कोष से मिलने वाले सालाना दो करोड़ मे से अधिकांश धन मोजूदा दौर मे मरने से बचने पर खर्च कराने के लिये दवाब बनाना होगा।
हालांकि हल्दी लगे ना फिटकरी ओर रंग आवे वाली चोखा वाली कहावत के चरितार्थ करने वाले हमारे कुछ विधायक तो विधायक निधि कोष से कुछ पैसा अपने क्षेत्र की जनता को भूख से बचाने के लिये सरकार को पत्र लिख चुके है। लेकिन कुछ विधायकों ने अभी तक इस पर पता नही क्यो मोन धारण कर रखा है। मुख्यमंत्री ने अलग से कोविड-19 राहत कोष बनाकर उसमे सभी से कोष मे जमा करने की अपील के बाद चूरु व सीकर लोकसभा मे कांग्रेस उम्मीदवार रहे रफीक मण्डेलिया व सुभाष महरिया ने मुख्यमंत्री राहत कोष मे पैसा जमा कराने के अलावा बडी तादाद मे खाद्य सामग्री के पैकेट बनाकर जरुरतमंद लोगो तक पहुंचाने कार्यरत है। इसके विपरीत शेखावाटी के नवलगढ़ विधायक राजकुमार शर्मा सहित अन्य दो तीन विधायक निधि कोष के अलावा भी अपने स्तर पर खाद्य सामग्री जरुरतमंद तक पहुंचाने लगे हुये है।
शेखावाटी के कुछ विधायकों ने जिला प्रशासन को उनके विधायक कोटे से बीस बीस लाख रुपये की खाद्य सामग्री उनके क्षेत्र मे जरूरत मंदो तक पहुंचाने के लिये चिठ्ठी लिखकर सहमति दे दी है। पर कुछ विधायको की चिठ्ठी का इंतजार उनके क्षेत्र की जनता को अभी भी है।जबकि राज्य सरकार ने हर विधायक को मोजूदा हालात से क्षेत्र की जनता को उभारने के लिये राशि की तादाद की पूरी तरह छूट दे दी है।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
टिप्पणियाँ