लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रदेश के कत्तिन एवं बुनकरों को बड़ी आर्थिक राहत प्रदान की है। पं0 दीनदयाल उपाध्याय खादी विपणन विकास सहायता (एमडीए) के तहत खादी संस्थाओं में कार्यरत 48251 कत्तिनों एवं बुनकरों को प्रोत्साहन स्वरूप बोनस के रूप में 3,04,49,266 रुपये (तीन करोड़ चार लाख उन्चास हजार दो सौ छाछठ रुपये) की राशि आज उनके खातों में हस्तांतरित कर दी गई है।
यह जानकारी प्रमुख सचिव, खादी एवं ग्रामोद्योग तथा सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम डा0 नवनीत सहगल ने आज यहां दी। उन्होंने बताया कि इसी प्रकार सी0बी0सी0 योजना के अन्तर्गत लिए गए ऋण की अदायगी हेतु संचालित एक मुश्त समाधान योजना की अवधि को 31 मार्च, 2020 से बढ़ाकर 30 जून, 2020 कर दिया गया है। इससे प्रदेश की 4000 से अधिक इकाइयों को लाभ होगा तथा लगभग 40 हजार से अधिक लोग लाभान्वित होंगे।
डा0 सहगल ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा सी0बी0सी0 ऋण अदायगी के संचालित एक मुश्त समाधान योजना लागू की गई है। इसके अन्तर्गत जनपद के उद्यमियों/इकाइयों द्वारा जनवरी, 2020 तक अवशेष मूल ऋण का 15 प्रतिशत धनराशि एवं कुछ भाग जमा कर दिया जाता है, तो शेष धनराशि जमा करने हेतु 31 मार्च, 2020 तक का समय प्रदान किया गया था।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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