सरकारी व गैर सरकारी भंडारण गृह एवं वेयरहाउस चाहें तो अपने भंडार गृह को मंडी स्थल घोषित कर दें - देवेश चतुर्वेदी

लखनऊः दलहन व तिलहन फसल उपज की खरीद हेतु भारत सरकार द्वारा अनुमति प्रदान कर दी गई है। यह खरीद नाफेड के माध्यम से की जाएगी। यह जानकारी प्रदेश के प्रमुख सचिव कृषि श्री देवेश चतुर्वेदी ने आज यहां देते हुए बताया कि अभी तक राज्य सरकार द्वारा यह खरीद पीसीएफ के माध्यम से होती थी, परंतु अब यह खरीद पीसीएफ के साथ-साथ सहकारिता विभाग की एजेंसी उत्तर प्रदेश कोऑपरेटिव यूनियन द्वारा की जाएगी ।जिस हेतु समस्त व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जा रही हैं। 
प्रमुख सचिव कृषि ने बताया कि आटे की मांग को पूरा करने के लिए खाद्य आयुक्त द्वारा 66 जनपदों में 49885 मीट्रिक टन अतिरिक्त गेहूं भारतीय खाद्य निगम के माध्यम से अतिरिक्त आपूर्ति सुनिश्चित कराई गई है। उन्होंने बताया कि यह अतिरिक्त आवंटन जिलाधिकारियों द्वारा उनके जिलों में स्थित आटा मिलों को दिया गया है, जिससे आटे की आपूर्ति स्थानीय रूप से उपलब्ध हो जाए ।इससे लाकडाउन के दौरान आटे की मांग की आपूर्ति उचित दरों पर सुनिश्चित की जाएगी।
श्री चतुर्वेदी ने बताया कि गल्ला मंडियों में रबी की फसल कटाई के पश्चात कृषि उपज की आवक आरंभ हो जाएगी । इस हेतु मंडी परिषद द्वारा विभिन्न व्यापारियों से संपर्क एवं परामर्श करके यह सुनिश्चित किया जा रहा है की आवक आते ही सारे व्यापारी मंडी में सक्रिय रूप से खरीद करें, जिससे किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य मिल सके।
मंडी अधिनियम में हुए परिवर्तन के परिप्रेक्ष्य में राज्य के विभिन्न सरकारी व गैर सरकारी भंडारण गृह, वेयरहाउस को परामर्श दिया जा रहा है कि वह चाहे तो अपने भंडार गृह को मंडी स्थल घोषित करा दें। ऐसा करने से किसान को अपनी उपज मंडी में लाने की आवश्यकता नहीं होगी तथा वह अपनी कृषि उपज का क्रय-विक्रय (मंडी शुल्क और विकास शुल्क का भुगतान करते हुए) सीधे भंडार गृह से कर सकेंगे। इससे गल्ला मंडी में आने वाली भीड़ कम होगी जो करोना वायरस के खतरे से बचाव के लिए आवश्यक है।


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