लखनऊ: उत्तर प्रदेश परिवहन निगम के प्रबंध निदेशक, डाॅ0 राजशेखर ने यूपीएसआरटीसी मुख्यालय के अधिकारियों और कर्मचारियों को घर से काम करने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने बताया कि मौजूदा परिस्थितियों के मद्देनजर मुख्यालय कार्यालय को 25 मार्च 2020 तक बंद रखने का निर्णय लिया गया है। उन्होंने बताया कि आपातकालीन आदेश जारी करने और दैनिक रिपोर्टिंग व अनुपालन के लिए एक अधिकारी (जीएम स्तर) और दो कर्मचारियों को कार्यालय में ड्यूटी (शिफ्ट वार) पर तैनात किया जाए। आपातकालीन ड्यूटी पर उपस्थित अधिकारियों व कर्मचारियों हेतु जिला प्रशासन द्वारा आवश्यक वाहन और व्यक्तिगत पास जारी किए जाएंगे।
डाॅ0 राजशेखर ने कहा कि सुरक्षा गार्ड कार्यालय परिसर की सुरक्षा के लिए चैबीसों घंटे मौजूद रहेंगे। यदि आवश्यक समझा जाये तो सहायता के लिए हाउसकीपिंग का एक व्यक्ति दिन में मौजूद रहेगा। साथ ही यह भी निर्देश दिये कि सभी मुख्यालय के अधिकारी अपने मोबाइल फोन हर समय अपने पास रखेंगे और वे कॉल पर रहेंगे, जिससे आवश्यकता पड़ने पर उन्हें कार्यालय बुलाया जा सके। उन्होंने कहा कि दिशा निर्देशन और मार्गदर्शन के लिए वह 9506000000 और 8307777777 पर उपलब्ध है।
प्रबंध निदेशक ने कहा कि मुख्यालय के अधिकारी यूपीएसआरटीसी मुख्यालय ग्रुप पर पोस्ट किए गए निर्देशों से खुद को अपडेट रखेंगे। उन्होंने कहा कि सभी अधिकारी अपने अधीनस्थ अधिकारियों और कर्मचारियों को इन निर्देशों से अवगत करा दें। यूपीएसआरटीसी सार्वजनिक सुरक्षा और जरूरत के अनुसार आवश्यक परिवहन सेवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने हेतु प्रतिबद्ध है।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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