सारेगामापा की विजेता इशिता विश्वकर्मा ने धर्मनगरी की आबो हवा को खुशनुमा किया

चित्रकूट। कहते हैं संगीत वीरान जंगल को हरा भरा कर देता है, संगीत बीमार को भी सेहतमंद कर देता है और संगीत सख्त आबो हवा को भी सर्द और खुशनुमा कर देता है। जिस बात को सच होते तब देखा गया जब वीरान जगह पर बने श्रीजी इंटरनेशनल स्कूल के प्रथम वार्षिकोत्सव में नन्हे मुन्ने बच्चों की खूबसूरत अदाकारी और पेशगी देखने को मिली। बच्चों द्वारा दी गई प्रस्तुतियो में स्वच्छता अभियान से लेकर पानी बचाओ और बेटी बचाओ भी शामिल रहे। आयोजन के मुख्य आकर्षण का केंद्र सारेगामापा 2018 की विजेता इशिता विश्वकर्मा रहीं। जिनके आने के बाद विद्यालय प्रांगण में सुरों की बारिश होने लगी। सुरो की मल्लिका इशिता ने अपने गायन में ओ पालनहारे भजन से सर्द हवाओं में आध्यात्मिक छटा बिखेर दी। इशिता विश्वकर्मा द्वारा गाये गए ये मेरा दिल प्यार का दीवाना गाने ने दर्शकों को झूमने पर मजबूर कर दिया और बच्चों का हुजूम बीच गायकी के सेल्फियां लेने से खुद को रोक नहीं सका। इतना ही नहीं इशिता की मां तेजस विश्वकर्मा ने बेटी के साथ मिलकर जुगलबंदी सुनाई। 
    मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद मुख्य न्यायाधीश आरपी सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि हमे यकीन नहीं हो रहा कि इस चित्रकूट जैसी छोटी जगह पर इतना शानदार विद्यालय और इतना अच्छा प्रबंधन हो सकता है जहां ऐसी हुनरमंद प्रतिभा चित्रकूट में अपना वक़्त देगी। उन्होंने कहा कि हम इन प्रस्तुतियों के चलते कुर्सी से हिलना लाज़मी नहीं समझे और शुरू से लेकर आखिर तक इस संगीतमय माहौल का पूरा लुत्फ उठाया। सारेगामापा विजेता इशिता विश्वकर्मा ने टीवी 9 भारतवर्ष से बात करते हुए कहा कि यह एक बहु बड़ा चैनल है जिसमे अपना साक्षात्कार देकर वो बेहद खुश हैं। उन्होंने अपने कैरियर के उतार चढ़ाव का ज़िक्र करते हुए कहा कि हर कलाकार को हार जीत से नहीं घबराना चाहिए और निरंतर प्रयासरत रहना चाहिये। मेरे द्वारा निरंतर कई स्टेज शेयर किए गए कहीं जीत मिली तो कहीं हार लेकिन आखिर में मेरे निरंतर प्रयास ने ज़ी सारेगामापा 2018 का मुझे विजेता बनाया। उन्होंने अपने सफल होने की मूल वजह अपनी मां तेजस विश्वकर्मा को बताया। इस कार्यक्रम में आये हुए अतिथियों, बच्चों और अभिभावकों का स्कूल की जड़ डॉ सुरेंद्र अग्रवाल और स्कूल की डाली, पत्ती, अजय अग्रवाल और स्वप्निल अग्रवाल ने सभी का अभिवादन और शुक्रिया अदा किया।


 


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