सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

रोहिंग्या शरणार्थियों की वापसी सक्षम बनाने के लिए परस्पर स्वीकार्य हल में सहयोग को प्रतिबद्ध: भारत

ढाका,  ::  भारत ने विस्थापित रोहिंग्या मुस्लिमों को आश्रय मुहैया कराने को लेकर बांग्लादेश की प्रशंसा करते हुए सोमवार को कहा कि वह ऐसे किसी परस्पर स्वीकार्य हल के लिए पूरा सहयोग देने के लिए प्रतिबद्ध है जो शरणार्थियों को म्यांमार के रखाइन प्रांत स्थित उनके घरों को जल्द से जल्द वापसी और गरिमा के साथ उनका जीवन जीने में सक्षम बनाए।


बांग्लादेश में करीब 10 लाख रोहिंग्या हैं जिसमें 740,000 वे भी शामिल हैं जो अगस्त 2017 में रखाइन प्रांत में सैन्य दमन के चलते वहां से भागकर आये थे।


विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने ढाका में ‘बांग्लादेश एंड इंडिया: ए प्रॉमिसिंग फ्यूचर’ पर एक सेमिनार को संबोधित करते हुए कहा कि भारत मानवता की उस भावना की अत्यंत प्रशंसा करता है जिसने बांग्लादेश को करीब 10 लाख विस्थापित लोगों को आश्रय मुहैया कराने के लिए प्रेरित किया।


उन्होंने कहा, ‘‘आप जिस भारी बोझ का सामना कर रहे हैं, उसे हम पूरी तरह से समझते हैं और सहानुभूति रखते हैं। हम ऐसे किसी परस्पर स्वीकार्य हल के लिए पूरा सहयोग देने के लिए प्रतिबद्ध हैं जो शरणार्थियों को म्यांमार के रखाइन प्रांत स्थित उनके घरों को जल्द से जल्द वापसी और गरिमा के साथ उनका जीवन जीना सक्षम बनाए।’’


श्रृंगला ने कहा, ‘‘यह इस तरह से किया जाना चाहिए जो सुरक्षित और स्थायी हो।’’


उन्होंने कहा कि भारत ने बांग्लादेश सरकार के जरिये कॉक्स बाजार क्षेत्र में शिविरों के लिए राहत सामग्री की पांच खेप मुहैया करायी है और वह इस संबंध में और करने के लिए तैयार है।


कॉक्स बाजार वह क्षेत्र हैं जहां करीब 10 लाख रोहिंग्या रहते हैं जिसमें से कई म्यांमार से भागकर आये हैं।


बौद्ध बहुल म्यांमार ने 1982 से रोहिंग्या को नागरिकता देने से इनकार किया है। म्यांमार रोहिंग्या को देशी जातीय समूह नहीं मानता और इस बात पर जोर देता है कि वे बांग्लदेश प्रवासी हैं जो देश में अवैध तरीके से रह रहे हैं।


म्यांमार के राष्ट्रपति यू विन मिंत ने गत सप्ताह भारत का दौरा किया था। इस दौरान दोनों पक्षों ने 10 समझौतों पर हस्ताक्षर किये थे। इन समझौतों का मुख्य जोर दक्षिणपूर्व एशियाई देश के संघर्ष प्रभावित रखाइन प्रांत का सामाजिक आर्थिक विकास था।


टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम

  नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...

इफ्तार पार्टियों का आयोजन लगातार जारी।

  सीकर-राजस्थान।        जनपद मे माहे रमजान शुरू होने के साथ ही अनेक सामाजिक व शेक्षणिक संस्थाओं के अलावा व्यक्तिगत लोगो द्वारा इफ्तार का आयोजन का सीलसीला जारी है।    इस सीलसीले के तहत सीकर शहर मे आज इतवार को सीकर में पंचायत शेखावाटी लीलगरान और युवा कमेटी की तरफ से रोजा इफ्तार पार्टी का आयोजन सय्यदा मस्जिद फतेहपुर रोड़ भैरुपुरा कच्चा रास्ता सीकर में किया गया। ,जिसमे सैकड़ों रोजेदारों ने शिरकत की और प्रदेश में अमन चैन की दुआ मांगी,इफ्तार के बाद मगरिब की नमाज पढ़ी गई।

सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले मुस्लिम विरोधी हिंसक तत्वों का मनोबल बढ़ाने वाले हैं- शाहनवाज़ आलम

  नयी दिल्ली, 9 मार्च 202 5. न्यायालयों द्वारा पिछले कुछ दिनों से दिए गए विवादित फैसलों से यह संदेश जा रहा है कि मई में आने वाले सुप्रीम कोर्ट के नए मुख्य न्यायाधीश पर आरएसएस और भाजपा अपने सांप्रदायिक एजेंडे के पक्ष में दबाव डालने की रणनीति पर काम कर रहे हैं. सेकुलर सियासी दलों और नागरिक समाज को इन मुद्दों पर मुखर होने की ज़रूरत है. ये बातें अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सचिव शाहनवाज़ आलम ने साप्ताहिक स्पीक अप कार्यक्रम की 185 वीं कड़ी में कहीं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के जज का किसी को मियां तियाँ और पाकिस्तानी कहने को अपराध नहीं मानना साबित करता है कि सुप्रीम कोर्ट के कुछ जज मुस्लिम विरोधी हिंसा में हिंसक तत्वों द्वारा प्रतुक्त होने वाली इन टिप्पणियों को एक तरह से वैधता देने की कोशिश कर रहे हैं. इस फैसले के बाद ऐसे तत्वों का न सिर्फ़ मनोबल बढ़ेगा बल्कि वो इसे एक ढाल की तरह इस्तेमाल करेंगे और पुलिस में शिकायत दर्ज कराने जाने वाले पीड़ित मुस्लिमों का मुकदमा भी पुलिस नहीं लिखेगी. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि इससे पहले भी मस्जिद के अंदर जबरन घुसकर जय श्री राम के ना...