रिजर्व बैंक ने राज्य सरकारों से कहा, निजी बैंकों से जमा नहीं निकालें, पैसा पूरी तरह सुरक्षित
नयी दिल्ली, :: भारतीय रिजर्व बैंक ने राज्य सरकारों से कहा है कि वे निजी क्षेत्र के बैंकों से अपनी जमा नहीं निकालें और उनका पैसा पूरी तरह सुरक्षित है। केंद्रीय बैंक ने कहा कि यह धारणा कि निजी क्षेत्र के बैंकों में जमा सुरक्षित नहीं है, तथ्यों पर आधारित नहीं है। यह धारणा पूरी तरह गलत है।
रिजर्व बैंक ने इस बारे में सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को पत्र लिखा है। पत्र में कहा गया है कि निजी क्षेत्र के बैंकों से जमा को निकालने से बैंकिंग और वित्तीय क्षेत्र की स्थिरता प्रभावित हो सकती है।
रिजर्व बैंक को यह पत्र इसलिए लिखना पड़ा है क्योंकि इस तरह की खबरें आ रही हैं कि कुछ राज्य सरकारों ने अपने सरकारी निकायों और अन्य इकाइयों से निजी क्षेत्र के बैंकों में रखे अपने कोष को सार्वजनिक क्षेत्र की बैंकों में स्थानांतरित करने की सलाह दी है।
निजी क्षेत्र के यस बैंक में संकट के बाद राज्य सरकारों द्वारा इस तरह का कदम उठाया जा रहा है। रिजर्व बैंक ने यस बैंक के निदेशक मंडल को भंग कर दिया है और बैंक के जमाकर्ताओं के लिए निकासी की सीमा तय कर दी है।
रिजर्व बैंक ने पत्र में लिखा है, ‘‘हमारा मानना है कि इस तरह के कदम से बैंकिंग और वित्तीय क्षेत्र की स्थिरता पर असर पड़ेगा। यह धारणा कि निजी बैंकों में पैसा सुरक्षित नहीं है, तथ्यों से परे है। यह सामान्य तौर पर वित्तीय प्रणाली और विशेष रूप से बैंकिंग प्रणाली के हित में नहीं है।’’
केंद्रीय बैंक ने राज्य सरकारों से आग्रह किया है कि यदि उन्होंने इस तरह का कोई फैसला लिया है या लेने की प्रक्रिया में हैं, तो वे इस पर पुनर्विचार करें।
पत्र में कहा गया है कि रिजर्व बैंक के पास निजी बैंकों के नियमन और निगरानी के पर्याप्त अधिकार हैं। केंद्रीय बैंक इन अधिकारों का इस्तेमाल कर यह सुनिश्चित कर रहा है कि जमाकर्ताओं का पैसा पूरी तरह सुरक्षित रहे।
रिजर्व बैंक ने कहा कि पूर्व में निजी क्षेत्र के बैंकों का समाधान इस तरीके से किया गया है कि जमाकर्ताओं को नुकसान नहीं हो।
पत्र में कहा गया है, ‘‘निजी क्षेत्र के बैंकों के प्रति जमाकर्ताओं का भरोसा बढ़ाने उन्हें किसी तरह की परेशानी से बचाने के लिए यस बैंक पर रोक लगाने के बाद केंद्रीय बैंक ने उसके लिए योजना का मसौदा बिना देरी के बनाया है। हम इस योजना को तेजी से अंतिम रूप देने में जुटे हैं।’’
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