उत्तर प्रदेश की राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल की अध्यक्षता में आज यहां राजभवन में कोरोना पीड़ितों व लाॅकडाउन प्रभावितों के संबंध में इंडियन रेडक्रास सोसायटी, उत्तर प्रदेश स्टेट शाखा की बैठक हुई। इस अवसर पर राज्यपाल ने कहा कि संस्था को अपने वालंटियर की संख्या को ओर बढ़ाना चाहिए, जिससे लोगों की मदद करने में आसानी हो सके। उन्होंने कहा कि रेडक्रास सोसायटी के पदेन अध्यक्ष जिलाधिकारियों को चाहिए कि संस्थाओं को अधिक से अधिक उपयोग में लायें और उनके सदस्यों के ड्यूटी पास भी जारी करें, जिससे सामग्री वितरण में कोई कठिनाई न हो।
इस अवसर पर उत्तर प्रदेश रेडक्रास सोसायटी के महासचिव डा0 श्याम स्वरूप, उपाध्यक्ष डा0 हिमा बिन्दु नायक सहित अन्य प्रतिनिधि भी उपस्थित थे।
इससे पहले उत्तर प्रदेश की राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने आज यहां राजभवन में मराठी समाज उत्तर प्रदेश एवं इण्डियन बुलियन ज्वैलर्स संस्था की ओर से 500 पैकेट जरूरतमंद परिवारों के लिए राहत सामग्री ( प्रति पैकेट में सामग्री 5 किग्रा आटा, 5 किग्रो चावल, 2 किग्रा चीनी, 2 किग्रा दाल, 1 किग्रा नमक, 250 ग्राम चाय पत्ती व 1 पैकेट रस) के वाहन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। यह राहत सामग्री जागरूक नागरिक कल्याण समिति, उम्मीद संस्था लखनऊ तथा आयुक्त लखनऊ के यहां उपलब्ध करायी जायेगी, ये लोग लाॅकडाउन से प्रभावित लोगों में वितरित करेंगे।
इस अवसर पर प्रदेश अध्यक्ष मराठी समाज उत्तर प्रदेश श्री उमेश पाटिल, धर्मेंद्र गुप्ता, अजय रस्तोगी, आराधना सिंह, सुहेल हैदर दीपक महेश्वरी, अरविन्द पाठक एवं पवन अग्रवाल उपस्थित थे।
राज्यपाल के निर्देश पर राजभवन के आसपास ड्यूटी कर रहे अन्य जनपद के पुलिसकर्मियों को प्रातः 11 बजे एवं सांय 4 बजे चाय, बिस्किट व पानी तथा दोपहर 1 बजे 250 लंच पैकेट आज से राजभवन द्वारा वितरित किया जा रहा है, जो आगामी 14 अप्रैल तक वितरित किया जायेगा।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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