सीकर।
आम-अवाम के मध्य हरदम रहकर उनके सुखदुख मे भागीदार रहने वाले पूर्व केन्द्रीय मंत्री व कांग्रेस नेता सुभाष महरिया ने अचानक लोकडाऊन के आदेश जारी होने से विपदा मे फंसे अपने क्षेत्रवासियों व क्षेत्र मे रह रहे दिहाड़ी मजदूर व गरीब लोगो के दुखों मे अपने आपको बराबर का भागीदार मानते हुये उनके लिये हर तरह की राहत का इंतजाम पुख्ता करने मे लग गये जो लगातार जारी है।
लोकडाऊन के कारण क्षेत्र मे फंसे गरीब-दिहाड़ी मजदूर व बेसहारा लोगो के लिये पिछले पांच-छ दिन से सुधीर महरिया स्मृति संस्थान द्वारा रोजाना सेंकड़ो खाद्य सामग्री के किट उपलब्ध करवाये जा रहे है। खाद्य सामग्री किट मे एक साधारण परिवार के लिये पंद्रह दिन की सभी तरह की आवश्यक सामग्रियों का समावेश किया गया है।
जानकारी अनुसार सीकर से बाहर प्रदेश के अन्य जिलो मे फंसे क्षेत्रवासियों के अतिरिक्त प्रदेश के बाहर कर्नाटक, गुजरात, आंध्रप्रदेश, तेलंगाना व महाराष्ट्र मे लोकडाऊन के चलते फंसे क्षेत्रवासियों द्वारा दूरभाष या अन्य तरीकों से सुभाष महरिया से मदद के लिये सम्पर्क करने पर महरिया उनसे वहां से नही निकलने की सलाह देने के साथ साथ अपने सम्पर्क सूत्रो के मार्फत उनकी हर तरह की मदद भी लगातार उसी जगह करवा रहे है।
कुल मिलाकर यह है कि कोराना वायरस के बचाव के चलते भारत भर मे जारी लोकडाऊन के कारण अनेक लोगो के सामने भोजन की बडी समस्या आ खड़ी हो गई है। सुबह शाम पैट भरने के लिये साधारण खाद्य सामग्री का जुगाड़ भी नही होने की स्थिति मे पूर्व केन्द्रीय मंत्री सुभाष महरिया का मजबूर-लाचार व हालात के मारे लोगों के साथ खड़े होने को एक मिशाली कार्य समझा जा रहा है। विपदा के इस हालात मे अगर सुभाष महरिया का अनुशरण भी अन्य जन नैता करने लगे तो मौजूदा हालात से अवाम को आसानी से उभार कर मूल्क की अवाम को बचाया जा सकता है।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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