जयपुर।
मुख्यमंत्री निवास पर नेता प्रतिपक्ष गुलाबचन्द कटारिया और भाजपा प्रदेशाध्यक्ष एवं विधायक सतीश पूनिया के साथ वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आज चर्चा की। कोरोना को रोकने में कटारिया एवं पूनिया से सुझाव लिए एवं सहयोग देने का गहलोत के आग्रह पर कटारिया एवं पूनिया ने चर्चा के दौरान विभिन्न सुझाव दिए। सरकार उनके सुझावों को पूरी गंभीरता से लेने के लिये मुख्यमंत्री ने कहा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना महामारी को फैलने से रोकने के लिए राज्य सरकार पूरे समर्पण एवं संकल्प के साथ काम कर रही है। प्रदेशवासियों की जीवन की रक्षा से बढ़कर हमारी सरकार के लिए कुछ नहीं है और इस मिशन में हम सभी को साथ लेकर चलेंगे। लाॅकडाउन के कारण वैसे तो सभी लोग प्रभावित हुए हैं लेकिन इसका सबसे बड़ा असर दिहाड़ी पर गुजर-बसर करने वाले श्रमिकों, खेतिहर मजदूरों, स्ट्रीट वेंडर्स और कच्ची बस्तियों में रहने वाले गरीबों पर अधिक पड़ा है। सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि गरीबों तथा जरूरतमंदों को लाॅकडाउन के कारण भूखे नहीं सोना पड़े।
संकट की इस घड़ी में बेजुबान पशु-पक्षियों को चारा एवं दाना-पानी मिलता रहे। इसके लिए सभी भामाशाह, जनप्रतिनिधि, संस्थाओं के प्रतिनिधि एवं उदारमना लोग सहयोग करें। मूक पशु-पक्षियों के लिए चारे एवं दाने-पानी की व्यवस्था के लिए पशुपालन विभाग के अधिकारियों का राज्य एवं जिला स्तर पर समूह गठित करें। हमें मुख्यमंत्री कोविड-19 राहत कोष में सभी प्रदेशवासियों का बढ़-चढ़कर सहयोग मिल रहा है।
शहरी क्षेत्रों में गरीब परिवारों को सरकार फूड पैकेट उपलब्ध करा रही है। साथ ही जरूरतमंद परिवारों के लिए 2 हजार करोड़ रूपए का रिलीफ पैकेज घोषित किया गया है। जिन लोगों की रोजी-रोटी लाॅकडाउन के कारण तुरंत प्रभावित हुई है उन्हें सरकार प्रति परिवार एक हजार रूपए देगी। इसके लिए 310 करोड़ रूपए जारी कर दिए गए हैं। दोनों जनप्रतिनिधियों से गरीबों तक राशन एवं अन्य मदद पहुंचाने में सहयोग का आग्रह किया।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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