महाराष्ट्र के बाद मध्यप्रदेश सरकार भी मुस्लिम को शैक्षणिक आरक्षण दे सकती है। - राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार पर भी आरक्षण देने का दवाब बढ सकता है।


            
जयपुर।
             महाराष्ट्र की शिवसेना-कांग्रेस व एनसीपी गठबंधन सरकार के अल्पसंख्यक मामलात मंत्री नवाब मलिक द्वारा प्रदेश मे मुस्लिम के लिये पांच प्रतिशत  शेक्षणिक आरक्षण देने के लिये जल्द कानून बनाने की घोषणा करने के आज दूसरे दिन मध्यप्रदेश के जलसंसाधन मंत्री हुकुमसिंह करड़ा द्वारा महाराष्ट्र के उक्त शैक्षणिक आरक्षण पर आज प्रतिक्रिया देते हुयै एक सभा मे अल्पसंख्यक समुदाय के लिए महाराष्ट्र से अच्छा मध्यप्रदेश सरकार द्वारा करने की कहते हुये वहां भी शैक्षणिक आरक्षण देने की तरफ़ इशारा किया।
          कल महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक द्वारा मुस्लिम शैक्षणिक आरक्षण देने के लिये कानून बनाने व आज मध्यप्रदेश के मंत्री हुकुमसिंह करड़ा द्वारा आरक्षण देने का इशारा करने से सियासत गरमाने लगी है। महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री व भाजपा नेता फडनवीस ने इसका विरोध करने का ऐहलान किया है एवं मध्यप्रदेश की भाजपा भी फडनवीस की राह पकड़ सकती है। लेकिन महाराष्ट्र व मध्यप्रदेश सरकार द्वारा उक्त आरक्षण के लिये मजबूत इरादो को दर्शाने के बाद राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार फर भी शैक्षणिक आरक्षण देने का दवाब बढनें लगा है।
            कुल मिलाकर यह है कि मुस्लिम समुदाय को उक्त तरह का शैक्षणिक आरक्षण मिलता है तो उस प्रदेश की सरकारी स्कूल व कालेज मे समुदाय के स्टूडेंट्स के प्रवेश के लिये सीट आरक्षित हो जायेगी। जिसके चलते समुदाय मे शैक्षणिक स्तर का ग्राफ बढने लगेगा। इस तरह के आरक्षण से समुदाय की दशा व दिशा मे निश्चित बदलाव आयेगा। दूसरी तरफ राजस्थान के बजट मे मुस्लिम समुदाय के उत्थान के प्रस्तावो का ना होने से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के प्रति जो समुदाय मे नाराजगी देखी जा रही है। पर महाराष्ट्र व मध्यप्रदेश के मंत्रियों द्वारा शैक्षणिक आरक्षण देने के लिये इशारा करने के बाद राजस्थान मे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर दवाब बढेगा।


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