सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

मध्यप्रदेश में कोरोना वायरस से पहली मौत, उज्जैन की 65 वर्षीय महिला ने तोड़ा दम

इंदौर, ::  कोरोना वायरस से संक्रमित 65 वर्षीय महिला की इंदौर के एक सरकारी अस्पताल में इलाज के दौरान बुधवार को मौत हो गई। राज्य में कोरोना वायरस संक्रमण से यह पहली मौत है।


इंदौर के जिलाधिकारी लोकेश कुमार जाटव ने संवाददाताओं को बताया, ‘‘उज्जैन की रहने वाली 65 वर्षीय महिला की इंदौर के शासकीय महाराजा यशवंतराव चिकित्सालय में मौत हुई है। वह कोरोना वायरस से संक्रमित थी।’’


उन्होंने बताया, "सांस लेने में ज्यादा दिक्कत होने से मरीज की हालत काफी बिगड़ गयी थी। वह मधुमेह की गंभीर मरीज भी थी। डॉक्टरों के तमाम प्रयासों के बावजूद उसकी जान नहीं बचायी जा सकी।"


जाटव ने बताया कि महिला के अंतिम संस्कार के वक्त तय प्रोटोकॉल का पालन किया जायेगा ताकि इसमें शामिल होने वाले लोगों को कोरोना वायरस संक्रमण की जद में आने से बचाया जा सके। उन्होंने बताया कि महिला का अंतिम संस्कार करने वाले लोगों को इस संक्रमण से सुरक्षा के साधन मुहैया कराये गये हैं।


जिलाधिकारी ने बताया कि यह महिला शहर के विभिन्न अस्पतालों में भर्ती पांच मरीजों में से ही एक हैं।


उन्होंने बताया, "डॉक्टरों द्वारा इन पांचों लोगों के कुल 29 परिजनों की शुरूआती जांच कर ली गयी है। लेकिन इनके परिजनों में कोरोना वायरस संक्रमण के लक्षण फिलहाल नहीं पाये गये हैं। हम उनकी सेहत पर निगाह रखते हुए उनकी आगामी जांचें करा रहे हैं।"


स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि इंदौर में जिन पांच लोगों में कोरोना वायरस संक्रमण की पुष्टि हुई है उनमें से किसी ने विदेश यात्रा नहीं की थी, सभीस्थानीय स्तर पर संक्रमण की चपेट में आए हैं।


अधिकारियों ने बताया कि प्रदेश भर में अब तक कोरोना वायरस संक्रमण की पुष्टि कुल 15 लोगों में हुई है।


इंदौर और उज्जैन में कोरोना वायरस संक्रमण के मरीज सामने आने के बाद जिला प्रशासन ने दोनों शहरों में कर्फ्यू लगा दिया है।


टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम

  नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...

इफ्तार पार्टियों का आयोजन लगातार जारी।

  सीकर-राजस्थान।        जनपद मे माहे रमजान शुरू होने के साथ ही अनेक सामाजिक व शेक्षणिक संस्थाओं के अलावा व्यक्तिगत लोगो द्वारा इफ्तार का आयोजन का सीलसीला जारी है।    इस सीलसीले के तहत सीकर शहर मे आज इतवार को सीकर में पंचायत शेखावाटी लीलगरान और युवा कमेटी की तरफ से रोजा इफ्तार पार्टी का आयोजन सय्यदा मस्जिद फतेहपुर रोड़ भैरुपुरा कच्चा रास्ता सीकर में किया गया। ,जिसमे सैकड़ों रोजेदारों ने शिरकत की और प्रदेश में अमन चैन की दुआ मांगी,इफ्तार के बाद मगरिब की नमाज पढ़ी गई।

सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले मुस्लिम विरोधी हिंसक तत्वों का मनोबल बढ़ाने वाले हैं- शाहनवाज़ आलम

  नयी दिल्ली, 9 मार्च 202 5. न्यायालयों द्वारा पिछले कुछ दिनों से दिए गए विवादित फैसलों से यह संदेश जा रहा है कि मई में आने वाले सुप्रीम कोर्ट के नए मुख्य न्यायाधीश पर आरएसएस और भाजपा अपने सांप्रदायिक एजेंडे के पक्ष में दबाव डालने की रणनीति पर काम कर रहे हैं. सेकुलर सियासी दलों और नागरिक समाज को इन मुद्दों पर मुखर होने की ज़रूरत है. ये बातें अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सचिव शाहनवाज़ आलम ने साप्ताहिक स्पीक अप कार्यक्रम की 185 वीं कड़ी में कहीं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के जज का किसी को मियां तियाँ और पाकिस्तानी कहने को अपराध नहीं मानना साबित करता है कि सुप्रीम कोर्ट के कुछ जज मुस्लिम विरोधी हिंसा में हिंसक तत्वों द्वारा प्रतुक्त होने वाली इन टिप्पणियों को एक तरह से वैधता देने की कोशिश कर रहे हैं. इस फैसले के बाद ऐसे तत्वों का न सिर्फ़ मनोबल बढ़ेगा बल्कि वो इसे एक ढाल की तरह इस्तेमाल करेंगे और पुलिस में शिकायत दर्ज कराने जाने वाले पीड़ित मुस्लिमों का मुकदमा भी पुलिस नहीं लिखेगी. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि इससे पहले भी मस्जिद के अंदर जबरन घुसकर जय श्री राम के ना...