मध्यप्रदेश घटना के बाद राजस्थान राज्यसभा उम्मीदवार के चयन को लेकर रार बढी।

जयपुर।
                राजस्थान से राज्यसभा के तीन सदस्यों के चुनाव के लिये तेराह मार्च अंतिम नामांकन तिथि के ठीक पहले मध्यप्रदेश के कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के कांग्रेस छोड़ने की घटना के बाद राजस्थान के अपने दो उम्मीदवार चयन को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत व उपमुख्यमंत्री व प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट के मध्य रार बढने से समीकरण काफी बदले बदले नजर आने लगे है।
              मध्यप्रदेश घटना के पहले मुख्यमंत्री गहलोत ने प्रियंका गांधी व अविनाश पाण्डेय मे से दिल्ली हाईकमान की पसंद से एक नाम तय करने के अतिरिक्त कांग्रेस टिकट मिलने पर हर विधानसभा चुनाव हारने वाले अपने खासमखास राजीव अरोड़ा का बतौर उम्मीदवार नाम आगे करने के बाद प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलट द्वारा अरोड़ा के नाम पर असहमति जताने से समीकरण बदले बदले नजर आ रहे है। 
         बिहार मे होने वाले विधानसभा चुनाव के मध्य नजर रखते हुये हाईकमान बिहार से पांच दफा लोकसभा व दो दफा राज्यसभा सांसद रहने वाले तारिक अनवर को राजस्थान से उम्मीदवार बनाने पर विचार कर रही है। वही  अनवर के अलावा गौरव बल्लब व अविनाश पाण्डेय का नाम की भी चर्चा है। पहले एक नाम राजस्थान के किसी स्थानीय जाट नेताओं मे से तय होने की सम्भावना के मध्य मुख्यमंत्री गहलोत द्वारा इसके उलट जो राजीव अरोड़ा का नाम आगे बढाया था उस पर पायलट की असहमति के बाद वो नाम अब फिर से पीछे छूटना लगभग तय माना जा रहा है।
     राजस्थान मे तीन सदस्यों के लिये होने वाले राज्यसभा चुनाव मे संख्या बल के हिसाब से दो कांग्रेस व एक भाजपा का जीतना तय है। कांग्रेस के 107 व भाजपा के 72 विधायक है। कुल दो सो मे से कांग्रेस भाजपा के अलावा तेराह निर्दलियों मे बारह कांग्रेस सरकार को समर्थन दे रहे है। एवं दो माकपा, दो भारतीय ट्राईबल पार्टी व तीन रालोपा के सदस्य हैः
                कुल मिलाकर यह है कि नामांकन मे मात्र 48 घंटे शेष रहने के बावजूद कांग्रेस राजस्थान से राज्यसभा के अपने दो उम्मीदवार अभी तक तय नही कर पाई है। लगता है कि एक उम्मीदवार दिल्ली की पसंद से व एक नाम राजस्थान की पसंद से तय होना है। पर उम्मीदवार पसंद मे अब मुख्यमंत्री गहलोत के साथ उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट की भी सहमति आवश्यक हो गई है।


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